जबलपुर। अमृतकाल में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की थीम पर जबलपुर में पहली बार महाकौशल विज्ञान मेला का आयोजन किया गया। जिसका लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की अध्यक्षता में शुभारंभ हुआ। विज्ञान मेले का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर मंत्री सिंह ने विज्ञान को विशिष्ट ज्ञान के रूप में परिभाषित कर कहा कि महाकौशल के विज्ञान प्रेमियों को विज्ञान के क्षेत्र में अनिवार्य जानकारी मुहैया कराने के लिए इस मेले के आयोजन की आवश्यकता थी। भारत ने ही संपूर्ण विश्व को विज्ञान दिया है। भारत के विज्ञान में नीति और धर्म का अंकुश था। इस कारण भारत से बिना नींव के बनने वाले राम सेतु और बिना ईंधन के चलने वाले पुष्पक विमान का आविष्कार हो पाया। भारत के विज्ञान का रूप मानवता को दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा कि विज्ञान भारती जैसे संगठन देश को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। जब वह पहली बार लोकसभा चुन कर गए तो उन्होंने साइंस एंड टेक्नोलॉजी का समिति का चयन किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी डिजिटल अरेस्ट का जि़क्र किया है। विज्ञान एक आवश्यक विषय है। यह लोगों की दैनिक दिनचर्या से जुड़ा हुआ है। विज्ञान मेला में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के व्याख्यानों से विद्यार्थियों को बहुमूल्य सीख मिलेगी।
महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने प्रथम महाकौशल विज्ञान मेला के आयोजन के लिए सभी आयोजक संस्थाओं को शुभकामनाएं दीं और इसके माध्यम से कृषि क्षेत्र में अध्यनरत विद्यार्थियों और किसानों को लाभान्वित होने का विश्वास जताया। उन्होंने विज्ञान मेला के विद्यार्थियों पर पडऩे वाले प्रभाव पर भी दृष्टि डालते हुए कहा कि मेला के आयोजन से इंजीनियर, डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी बनने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा भी मिलेगी। विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री शिव कुमार शर्मा ने संबोधन के दौरान स्वदेशी और विदेशी मानकों के आधार पर विज्ञान के अंतर को स्पष्ट किया। महाकौशल विज्ञान परिषद के अध्यक्ष डॉ. एसपी गौतम ने भी विज्ञान मेला के उद्देश्य को बताते हुए विभिन्न आयामों में विभिन्न विशेषताओं के साथ एक साथ काम करने के स्वदेशी भाव को प्रकट किया। कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों ने विज्ञान मेले में लगे विभिन्न वैज्ञानिक प्रदर्शिनियों का अवलोकन किया तथा उनके संबंध में जानकारी ली। इस दौरान विधायक अशोक रोहाणी, संतोष बरकड़े, नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज, ट्रिपल आईआईटीडीएम के निदेशक भारतेंदु सिंह, काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलॉजी भोपाल के निदेशक अनिल कोठारी, महाकौशल विज्ञान भारती के प्रांत सचिव संदीप कुशवाहा, कैलाश गुप्ता, कुलगुरु वेटरनरी विश्वविद्यालय मनदीप शर्मा, ब्रह्मोस के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुधीर मिश्रा सहित अन्य वैज्ञानिक संस्थानों के ख्यातिलब्ध वैज्ञानिक उपस्थित रहे।
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