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    जब तक शस्त्र लाइसेंस नहीं मिलेगा तब तक बंदूक वापस नहीं लेंगे वन कर्मचारी

  • August 27, 2022

    • वन कर्मचारियों का हस्ताक्षर अभियान आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा

    भोपाल। राज सरकार ने लटेरी कांड में जांच आयोग तो गठित कर दिया लेकिन बिना जांच किए एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किए गए वन कर्मचारी निर्मल अहिरवार की रिहाई एवं एफआईआर पर कार्यवाही से रोक लगाने, शस्त्र का लाइसेंस देने, बल का दर्जा देने, पुलिस के समान अधिकार देने आदि मांगों को मंजूर करने की कार्यवाही नहीं की है जिस कारण प्रदेश के वन कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि जब तक ज्वलंत मांगे मंजूर नहीं होंगी तब तक जमा की गई बंदूके वन कर्मचारी वापस नहीं लेंगे, ना ही अपना आंदोलन वापस लेंगे। यह निर्णय वन कर्मचारियों ने बैठक करके लिया है। बैठक में अशोक पांडे, आई बी सिंह, प्रेम लाल त्रिपाठी, राजेंद्र सिंह, लव प्रकाश पाराशर, अब्दुल बारी, कमलेश चौधरी, सीपी शर्मा, सत्येंद्र पांडे, भगवानदास बिल्लोरे, नंनूलाल मालवीय, हरी सिंह दरबार आदि दर्जनों वन कर्मचारी शामिल थे।



    मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 23 अगस्त को न्यायिक जांच आयोग गठित कर लटेरी कांड में समुचित न्याय वन कर्मचारियों के साथ नहीं किया है। क्योंकि वन कर्मचारियों की ज्वलंत मांगे जो 16 अगस्त को पूरे प्रदेश के वन कर्मचारियों ने अपने-अपने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर रखी हैं। उन मांगों पर किसी प्रकार की कार्यवाही राज्य सरकार ने घटना के 15 दिन बाद भी नहीं की है। ना ही वन कर्मचारियों के सुरक्षा और सम्मान की कोई नीति बनाने की घोषणा सरकार ने नहीं की है। इस कारण प्रदेश के 22000 वन कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है।

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