बांधवगढ़: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बांधवगढ़ (Bandhavgarh) में 10 हाथियों की मौत (Elephants Death) के मामले को लेकर विपक्ष के नेता उमंग सिंघार (Umang Singhar) ने निशाना साधा है. उन्होंने एमपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस घटना पर चुप क्यों है, जबकि हम हाथियों की भगवान गणेश के रूप में पूजा करते हैं. सरकार को इस मामले में तत्काल संज्ञान लेना चाहिए.
उमंग सिंघार ने कहा कि एक तरफ हम हाथियों की यानी गणेशजी की पूजा कर रहे हैं और दूसरी तरफ सरकार हाथियों की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं और वन मंत्री वोट मांग रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि वन्य प्राणियों के साथ में आदिवासियों का गहरा नाता और ताना-बना है.
इस घटना में आदिवासियों का कोई दोष नहीं है. जल जंगल जमीन आदिवासियों का अधिकार है और सरकार को आदिवासियों की सुरक्षा के साथ-साथ वन्य प्राणियों की भी सुरक्षा करनी चाहिए. करीब 4 साल से हाथी झारखंड और कर्नाटक से आते रहे हैं. इस बीच में क्या सरकार ने उन वन समितियां से कोई चर्चा की या उन आदिवासियों से चर्चा की या उनके साथ कोई बैठक की या हाथियों के विस्थापन की बात कही. हाथियों का किस तरह से विस्थापन करना है.
उनकी सुरक्षा को लेकर सरकार ने किसी भी तरह की कोई प्लान नहीं बनाया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को तत्काल इस मामले में संज्ञान लेते हुए वन्य समितियों के साथ और आदिवासियों के साथ चर्चा करनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि सरकार वन्य प्राणी और आदिवासी विरोधी सरकार है. सरकार को संज्ञान लेते हुए उन लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए फिर चाहे वह अधिकारी हो या उसका कुप्रबंध हो. इस मामले में आदिवासियों की कोई जिम्मेदार नहीं है.
सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे ने भी हाथियों की मौत पर सवाल खड़े किए हैं.उमरिया-बांधवगढ टाइगर रिजर्व के खितौली परिक्षेत्र के सलखनियां के जंगल में 10 हाथियों की मौत हुई है. 10 हाथियों की मौत के बाद बांधवगढ पार्क प्रबंधन अपनी इस गलती को छिपाने में जुटा है.
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