उज्जैन। गर्मी के समय में जंगलों में अचानक आग लगने की खबरें लगातार आ रही हैं। कई दिनों तक आग नहीं बुझने पर अब वन विभाग ने नया फरमान जारी किया है। इसके तहत अगर उज्जैन संभाग सहित प्रदेशभर के जंगलों में कहीं भी आग लगती है और आग पर 24 घंटे में काबू नहीं पाया गया तो अब वन कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
तापमान बढ़ते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। बीते डेढ़ महीने में 550 से ज्यादा बार मध्यप्रदेश का जंगल सुलगा, जिसमें कई घटनाओं में आग बुझाने में वनकर्मियों को समय लग गया। साथ ही कई वनक्षेत्र में पंद्रह दिन में तीन से चार बार आग लग चुकी है। इन घटनाओं का आंकलन करने के बाद वन विभाग के आला अधिकारियों ने निर्देश दिए हैं कि यदि 24 घंटे के भीतर जंगल की आग नहीं बुझाई तो वनकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। साथ ही आग लगने की घटनाओं पर प्रदेश के अलग-अलग वनमंडलों से रिपोर्ट मांगी गई है। संतोषजनक जवाब नहीं होने पर बीट प्रभारी से से लेकर डिप्टी रेंजर और रेंजर को कार्रवाई के दायरे में लिया गया है। जंगल में आग लगने की घटना की जानकारी फारेस्ट फायर अलर्ट सिस्टम के माध्यम से प्रत्येक अधिकारी तक पहुँचती है। वेबसाइट पर दर्ज आकड़ों के हिसाब से 15 मार्च से लेकर 30 अप्रैल तक प्रदेश के जंगलों में आग लगने की 550 घटनाएँ हो चुकी है। वन विभाग ने कहा है कि एक बीट में दो स्थानों पर आग की घटना पर बीट प्रभारी को कार्रवाई के दायरे में लिया जाएगा। जबकि एक परिक्षेत्र में 6 स्थान पर घटना दर्ज होने की स्थिति में डिप्टी रेंजर व रेंजर पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक उपवनमंडल में 8 से अधिक स्थानों पर आग लगने की घटना होती है तो एसडीओ पर कार्रवाई होगी।
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