इन्दौर। वन विभाग इंदौर में अनुभूति कैम्प लगने की शुरुआत हो हई है। आज अलसुबह लगभग 6 बजकर 30 मिनट पर एकलव्य आवासीय विद्यालय मोरोद गांव के 126 स्कूली छात्र-छात्राएं रालामण्डल अभयारण्य की पहाड़ी पर आयोजित अनुभूति कैम्प में पहुंच चुके थे। सात बजे इन सभी बच्चों का वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों ने इनका परिचय लेने के साथ अनुभूति कैम्प के उद्देश्य के अलावा इन्हें शाम 4 बजे तक दिनभर होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी।
सात बजे के बाद इन सभी को सफारी पर्यटन इलाके में सैर करने के लिए अभयारण्य में ले जाया गया। लगभग 9 बजकर 30 मिनट तक सफारी भ्रमण कराने के बाद इन्हें स्वल्पाहार कराया। सभी के साथ ग्रुप फोटो लिए गए। रालामंडल एसडीओ योहान कटारा ने बताया कि इन सभी स्कूली स्टूडेंट्स को अनुभूति कैम्प तक लाने और वापस स्कूल तक छोडऩे की परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी रालामंडल फारेस्ट रेंजर योगेश यादव को सौंपी गई है। उनके नेतृत्व में इन सभी स्टूडेंट्स सुबह साढ़े 6 बजे तक रालामण्डल पहुंच चुके थे।
दोपहर 12 . 30 तक इन्हें अभयारण्य की प्राकृतिक पथ यानी पगडंडियों से लेकर जंगल के अंदर सैर कराई जाएगी। इस दौरान इन्हें वन्यजीव सहित मौजूद पेड़ के अलावा औषधीय जड़ी-बूटी वाले पौधों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद सभी स्टूडेंट्स को वन्यजीवों से सम्बंधित कंजर्वेशन एज्युकेशन वर्कबुक किट दी जाएगी। पर्यावरण संरक्षण में भी बाघ और हम है बदलाव थीम पर इन्हें वन्य जीवन पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धित जानकारी दी जायेगी।2 बज कर 30 मिनिट तक सभी स्टूडेंट्स को भोजन कराया जायेगा । इसके बाद स्टूडेंट्स के साथ संवाद के दौरान उनके जिज्ञासा भरे सवालों के जवाब दिए जाएंगे। पर्यावरण से सम्बंधित नवाचार के बारे में जानकारी देने के साथ पर्यावरण और वनजीवों की सुरक्षा के लिए शपथ दिलाई जायगी। इसके बाद शाम को 4 बजे अनुभूति शिविर का समापन किया जाएगा।
चोरल में लगा पहला अनुभूति शिविर
इन्दौर वन विभाग के अंतर्गत महू, मानपुर , चोरल सहित इंदौर रालामंडल रेंज में कुल 10 अनुभूति शिविर लगना है। जिसकी शुरुआत 7 जनवरी से चोरल फारेस्ट रेंज से हो चुकी है। चोरल रेंज में एसडीओ केके निनामा और प्रवीण मीणा के नेतृत्व में अनुभूति शिविर लगाया गया इस दौरान स्कूली बच्चों को बताया गया कि जीवन चक्र चलाता बाघ,हम सबका है छाता बाघ 7 बाघ नहीं तो कुछ भी नहीं,अन्न जल का दाता बाघ 7 इस अनुभूति कैम्प में आईआईटी सिमरोल के 60 छात्र एवं 64 छात्राएं कुल 124 विद्यार्थियों ने भाग लिया7 कार्यक्रम में “मैं भी बाघ, हम हैं बदलाव”, मिशन लाइफ के तहत प्रो-प्लानेट-पीपल बनने हेतु प्रेरित किया गया7 संपूर्ण कार्यक्रम की सजावट आदि स्थानीय वृक्ष प्रजाति के पत्तों घास आदि से की गई ।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved