इंदौर। पिछले पौने चार माह में 4 तेंदुओं की मौत होने से वन विभाग (Forest department) के अधिकारी चिंतित हैं। बताया जा रहा है कि गर्मी में पानी की तलाश में एक तेंदुआ भटकते हुए सडक़ मार्ग से निकला और एक वाहन से एक्सीडेंट होने के कारण काल का ग्रास बन गया। महू एसडीओ कैलाश जोशी (Mhow SDO Kailash Joshi) ने बताया कि महू, मानपुर एवं चोरल के जंगल में जितने भी पानी के कच्चे स्रोत हैं, उन्हें पक्का किया जाएगा। साथ ही जो पानी की झिरी है, उसका भी गहरीकरण किया जाएगा, ताकि गर्मी में जंगली जानवरों को पानी की दिक्कत न हो। जिस मानपुर घाट पर तेंदुए की वाहन एक्सीडेंट में मौत हुई, उसकी वन विभाग के अधिकारी दो प्रमुख वजह बता रहे हैं। पहला तो पानी की तलाश में भटकते हुए सडक़ पर आ गया और दूसरा नीलगाय का शिकार करने के लिए उसके पीछे पीछे जंगल से बाहर निकल गया और एक्सीडेंट में मौत हो गई।
दो तेंदुओं ने एक्सीडेंट तो तीसरे ने लड़ाई में तोड़ दिया दम…चौथा बीमारी से मरा
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पिछले पौने चार माह में 4 तेंदुओं की मौत हो चुकी है। दो तेंदुओं की मौत जहां एक्सीडेंट से हुई, वहीं तीसरे ने दो तेंदुओं की आपसी लड़ाई में दम तोड़ दिया। चौथे की मौत बीमारी की वजह से हुई। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों मानपुर हाईवे पर एक वाहन की चपेट में आने से तेंदुए की मौत हो गई। इसी घाट पर फरवरी में भी एक्सीडेंट में एक तेंदुआ मर गया था। एक और तेंदुए की मौत हुई है। डॉक्टर की पीएम रिपोर्ट के अनुसार उसकी मौत का कारण बीमारी है। तेंदुए के मरने के बाद उसके नाखून और मूंछ के बाल निकाल लिए गए थे, जो मुलजिम से जब्त किए जा चुके हैं। वर्तमान में आरोपी जेल में है। इसी प्रकार एक शावक तेंदुआ आशापुरा के जंगल में मृत मिला था। जांच में पता चला कि दो तेंदुओं की आपसी लड़ाई में वह मारा गया। पोस्टमार्टम में भी श्वास नली में दांत व नाखून के निशान तथा मौके पर आपसी लड़ाई, खून आदि प्रमाण के तौर पर मिले थे।
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