विश्व बाघ दिवस मनाने की तैयारियां 15 दिन पहले से शुरू
एफएम रेडियो पर टाइगर स्टेट की पब्लिसिटी के लिए करार
इंदौर। वन विभाग (Forest Department) इस बार विश्व बाघ दिवस पर बाघों की ब्रांडिंग और टाइगर स्टेट की पब्लिसिटी के लिए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर स्क्रीन होर्डिंग लगाएगा। इसके अलावा प्रदेश में बाघों की संख्या बताने के अलावा टाइगर सेव मिशन का संदेश देने के लिए वन विभाग शहर के एफएम रेडियो का इस्तेमाल करने जा रहा है। वन विभाग को उम्मीद है कि इस बार वल्र्ड टाइगर डे पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PM Office) से कोई गुड न्यूज मिल सकती है।
इंदौर वन विभाग ने 29 जुलाई को इंटरनेशनल टाइगर डे यानि विश्व बाघ दिवस मनाने की तैयारियां लगभग 15 दिन पहले से शुरू कर दी है। जंगलों में शिकारियों के महाविनाश से बाघों को बचाने, उनके सरंक्षण के लिए जनता को जागरूक करने लिए हर साल पूरी दुनिया के वल्र्ड टाइगर डे मनाया जाता है।
इंदौर वन विभाग के जंगलों में 3 बाघ
डीएफओ नरेंद्र पंडवा ने बताया कि बाघों के मामले में हम पहले से ही नम्बर वन हैं। 2018 की बाघ गणना के अनुसार , मध्यप्रदेश में 526 टाइगर थे। इस वजह से हमारे राज्य को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है। अब 2022 की बाघ गणना के अनुसार बाघों की संख्या 711 हो गई। संभावना है कि इस साल भी एमपी को फिर कोई उपलब्धि या खुश खबर मिल जाये। पण्ड्या के अनुसार इंदौर वन मण्डल के अधीन चोरल, महू, नाहर झाबुआ, मानपुर के जंगलों में 4 बाघों की मौजूदगी की खबर है मगर 3 बाघों की मौजूदगी के पक्के प्रमाण है।
प्रदेश में 711 बाघ, मगर 34 मौतें भी
प्रदेश में साल 2006 में बाघों को संख्या 300 थी, जबकि 2010 में 257 हो गई थी। इसके बाद 2014 में 308, साल 2018 में 526 और अब बाघों की संख्या 711 बताई जा रही है। जहां 2022 बाघ की गणना में बाघों की संख्या 711 है, वहीं रिकार्ड के अनुसार इस बार 34 बाघों की मौत भी हुई है
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