उज्जैन। जिले में फोरलेन निर्माण के बीच बाधक बन रही एक कच्ची झोपड़ी को गिरा दिया गया और मुआवजे के नाम पर चंद रुपए पकड़ा दिए गए। मजदूरी करने वाली विधवा महिला गिड़गिड़ाती रही कि इतने से रुपए में घर भी नहीं आएगा और मैं बच्चे के साथ किराए के मकान में भी नहीं रह सकूंगी। क्योंकि मैं मेहनत मजदूरी कर मुश्किल से मेरे और बच्चे का पेट पाल सकती हूँ लेकिन गरीब विधवा महिला की फरियाद किसी ने नहीं सुनी।
महिला को देखकर ऐसा लगता है मानो केंद्र और राज्य शासन के खिलाफ एक महिला और उसके नाबालिक बच्चे का अघोषित मौन और अनिश्चितकालीन धरना चल रहा हो। उज्जैन जिले की बडऩगर तहसील की सरसाना ग्राम पंचायत क्षेत्र में मजदूरी कर गुजर-बसर करने वाली विधवा गरीब महिला की कच्ची झोपड़ी को फोरलेन मार्ग निर्माण के बीच में बाधा बनने के नाम पर तोड़ दिया गया और मुआवजे के नाम पर महिला को चंद रुपए पकड़ा दिए गए। महिला अपने बच्चे को लेकर फोरलेन निर्माण कंपनी के अधिकारियों के सामने और स्थानीय पंचायत के सामने रोती गिड़गिड़ाती रही कि इतने कम रुपयों में जमीन और घर नहीं आएगा और मैं किराए के घर में रह सकूं इतनी मेरी ताकत नहीं है लेकिन विधवा महिला की बात ना ही फोरलेन बना रहे संबंधित विभाग के अधिकारियों ने सुनी और ना ही ग्राम पंचायत के कर्ताधर्ताओंं ने।
अब हालात यह है कि महिला ललिता बाई और उसका मासूम नाबालिग बच्चा दोनों माँ-बेटे गाँव की खुली सड़क पर चारपाई डालकर खुले आसमान के नीचे जीवन जीने को मजबूर हैं। महिला ललिता बाई कहती है मुझे मेरी चिंता नहीं है लेकिन तेज गर्मी के चलते मेरा बेटा बहुत परेशान हो जाता है। कहीं व्यवस्था नहीं होने के कारण रात दिन चिंता सताती है। मजदूरी कर बहुत मुश्किल से महिला अपना और बच्चे का पालन पोषण कर पा रही है। ऐसे में किराए का मकान लेकर रहने की उसके बिल्कुल भी हालात नहीं है। दिन और रात में खुले आसमान के नीचे रहकर एक तरह से माँ और बेटे अघोषित धरने की तरह अपना जीवन जीने को मजबूर हैं। सरसाना ग्राम पंचायत क्षेत्र में रहने वाली इस गरीब विधवा महिला को और उसके नाबालिग बच्चे को केंद्र और राज्य की मिलने वाली कितनी सहायता और योजनाओं में से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई लाभ नहीं दिलवाया। बदनावर से उज्जैन का 69 किलोमीटर फोरलेन के निर्माण का काम चल रहा है जिसे 2 वर्षों की समय सीमा में फोरलेन का निर्माण पूरा करने की बात कही जा रही है। एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के प्रमुख कार्यालय से उक्त मार्ग के निर्माण के लिए एजेंसी फाइनल करने के बाद सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया गया था।
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