नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लद्दाख में बढ़ते सीमा विवाद के मद्देनजर चीन के साथ द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति को सबसे खराब बताया है। जयशंकर ने कहा कि भारत पिछले 30-40 वर्षों में चीन के साथ संबंध सबसे खराब चरण में है।
पूर्वी लद्दाख और अन्य क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चल रहे टकराव का उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि चीनी पूर्ण सैन्य तैयारी के साथ दसियों हज़ार सैनिकों को वास्तविक सीमा तक लाया है।” कोरोना वायरस महामारी के बीच सीमा के साथ चीन के उकसावे पर बुलाते हुए जयशंकर ने कहा, “स्वाभाविक रूप से इससे रिश्ते पूरी तरह से खराब होंगे।”
मंत्री ने 15 जून की गलवान घाटी की घटना के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है कि कुछ बुरी तरह से गलत हो गया, जब सैनिक सीमा पर एक-दूसरे के इतने करीब होते हैं। गलवान की घटना ने चीन के खिलाफ राष्ट्रीय भावना को पूरी तरह से बदल दिया है। उन्होंने कहा, यह देखते हुए कि 1975 में सीमा पर अंतिम बार भारत के सैनिक हताहत हुए थे। 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प में एक कमांडिंग अधिकारी सहित 20 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को भी इस घटना में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
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