नई दिल्ली । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ब्रिक्स (BRICS) देशों के खिलाफ टैरिफ युद्ध (Tariff war) की घोषणा की है। उन्होंने डॉलर (Dollar) के प्रभाव को कमजोर करने के आरोप लगाते हुए इसके जवाब में 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी है। इसके जवाब में भारत (India) ने ब्रिक्स के संस्थापक सदस्य के रूप में समूह के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भारत ब्रिक्स की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच समझने में मदद करने का प्रयास कर रहा है।
लोकसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स का कड़ा बचाव करते हुए कहा कि यह समूह अपने सदस्य देशों की समान चिंताओं का प्रतिनिधित्व करता है। वैश्विक बहसों और नेतृत्व को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और समावेशी बनाने का प्रयास करता है। जयशंकर ने कहा, “ब्रिक्स एक ऐसा मंच है जो पिछले दो दशकों में अपनी सदस्यता और एजेंडा में विस्तार कर चुका है। हमारा प्रयास है कि ब्रिक्स की गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बेहतर समझा जाए।”
साथ ही भारत ने ट्रंप द्वारा लगाए गए डॉलर के प्रभाव को कमजोर करने के आरोप पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह डॉलर को कमजोर करने या ब्रिक्स के लिए एक समान मुद्रा बनाने की कोई कोशिश नहीं कर रहा है। जयशंकर ने यह बात पहले भी कही थी। उनका कहना है कि डॉलर पर हमला करना भारत की आर्थिक, राजनीतिक या रणनीतिक नीति का हिस्सा नहीं है। भारत ने इस विषय पर कई बार अमेरिका के अधिकारियों से द्विपक्षीय वार्ताओं में अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
जयशंकर ने कहा, “यह समझा जा सकता है कि ब्रिक्स सदस्य देशों के विकास और आय के विभिन्न स्तरों को ध्यान में रखते हुए और उनके राष्ट्रीय हितों को देखते हुए ब्रिक्स सदस्य देशों के पास समकालीन मुद्दों पर विभिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं।”
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि ब्रिक्स बैठकों और चर्चाओं का उद्देश्य सामूहिक रूप से एक समान आधार पर काम करना और वैश्विक व्यवस्था को आकार देने में योगदान देना है।
आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने कहा था कि ब्रिक्स जिसमें 11 सदस्य देश और 9 साझीदार देश शामिल हैं, “मृत” हो चुका है। साथ ही उन्होंने 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
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