नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को सलाह दी है कि वह गठबंधन बनाने की रणनीति के बजाय बहुध्रुवीय विश्व में काम करना सीखे। जयशंकर ने कहा है कि अमेरिका ने पिछले दशकों के दौरान दुनिया में सैनिक और राजनीतिक गठबंधन कायम करने की रणनीति अपनाई है। बदली हुई परिस्थिति में अब अमेरिका को एक बहुध्रुवीय विश्व में बहुपक्षीय व्यवस्था में काम करने की ओर मुड़ना चाहिए।
उन्होंने कहा कि आधुनिक विश्व व्यवस्था के निर्माण में भारत-अमेरिका को साथ मिलकर काम करना चाहिए। वास्तव में दोनों देश नौवहन सुरक्षा, आंतक विरोधी उपायों, संपर्क प्रणाली, जलवायु परिवर्तन और कोरोना महामारी का मुकाबला करने के संबंध में मिलकर काम कर रहे हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ साथ हम दुनिया के संदर्भ में व्यापक एजेंडा तैयार करें।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए एक सम्मेलन में भाग ले रहे भारत के विदेश मंत्री का कहना यह भी था कि प्रतिभा और बुद्धिकौशल दोनों देशों के बीच अर्थव्यवस्था, अणवेषण और प्रौद्योगिकी विकास के संदर्भ में महत्वपूर्ण आधार हैं। ज्ञान आधारित दुनिया में अनुसंधान और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति प्रणाली में दोनों देशों को सक्रीय रूप से योगदान करना चाहिए।
इस दौरान वीडियो कांफ्रेसिंग में भारत अमेरिका विकास परिषद की अध्यक्ष निशा देसाई विस्वाल ने भी अपनी बात रखी, उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और परंपरागत गठबंधनों के लिए चुनौती पेश की है लेकिन यह समय भारत और अमेरिका के लिए एक अवसर भी है कि वह द्विपक्षीय सहयोग को नई उंचाईयों तक ले जायें। उन्होंने कहा कि व्यापार परिषद दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए हमेशा सक्रीय रही है। भारत और अमेरिका के संबंध सामान्य विचारों और मूल्यों पर आधारित हैं तथा इन्हें बढ़ावा देकर दोनों देशों की जनता की आशा-अपेक्षाओं को पूरा किया जा सकता है। बतादें कि यह वहीं निशा विस्वाल हैं जोकि राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्रालय में दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की सहायक मंत्री थी।
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