नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) पिछले कुछ महीनों से गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) के दौर से गुजर रहा है। पिछले दिनों नई सरकार के बनने के बाद पाकिस्तानियों को उम्मीद थी कि उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी (Bilawal Bhutto Zardari) का हालिया बयान उनकी उम्मीदों की जड़ों में मट्ठा डाल सकता है। बिलावल ने पाकिस्तान के मौजूदा आर्थिक संकट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) को जिम्मेदार ठहराते हुए लोगों से कहा है कि आर्थिक और चुनावी सुधारों के लिए मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार (shahbaz sharif government) को कुछ समय दें।
‘सेलेक्टेड गवर्नमेंट को हटाए जाने से पाकिस्तान बच गया’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने अपनी मां बेनजीर भुट्टो की 69वीं जयंती पर मंगलवार को लरकाना में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान की ‘सेलेक्टेड गवर्नमेंट’ को हटाना जरूरी था क्योंकि वह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई थी। बिलावल ने कहा, ‘सेलेक्टेड गवर्नमेंट को हटाए जाने से पाकिस्तान बच गया।’ बता दें कि इमरान को इस साल अप्रैल में संसद में अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। पद से हटाए जाने के बाद से इमरान लगातार नए सिरे से चुनाव की मांग करते रहे हैं।
‘इमरान ने सब्सिडी देने के नाम पर खतरनाक खेल खेला’
बिलावल ने कहा, ‘शहबाज शरीफ की सरकार को आर्थिक और चुनावी सुधारों के लिए कुछ समय दें। हम उम्मीद करते हैं कि तब पिछली सरकार ने जो मुसीबतें पैदा की थीं, हम उनसे बाहर आ जाएंगे।’ उन्होंने दावा किया कि इमरान ने ‘IMF के साथ गलत समझौता किया’ और पेट्रोलियम सब्सिडी देने के नाम पर मुल्क के साथ खतरनाक खेल खेला। बिलावल ने कहा कि इमरान के इस कदम की वजह से पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया।
बिलावल ने अपनी मां बेनजीर के संघर्षों को याद किया
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने उम्मीद जतायी कि पाकिस्तान को पेरिस स्थित वैश्विक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की अक्टूबर में होने वाली पूर्ण बैठक के दौरान ‘संदिग्ध सूची’ से हटा दिया जाएगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के प्रमुख बिलावल ने लोकतंत्र की बहाली के लिए अपनी मां बेनजीर के संघर्षों को याद किया। बेनजीर इस्लामी दुनिया में पहली महिला निर्वाचित प्रधानमंत्री थीं। बेनजीर की 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी।
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