इंदौर। जमीनी कारोबार (land business) में आई तेजी के चलते अक्टूबर में जहां जमकर रजिस्ट्रियां (registries) हुईं, वहीं पंजीयन विभाग (Registration Department) ने अक्टूबर अंत तक इस वित्त वर्ष में 842 करोड़ का राजस्व अर्जित (revenue earned) कर लिया, जो कि गत वर्ष की तुलना में 72 फीसदी ज्यादा है। वहीं पंजीयक महानिरीक्षक (Registrar Inspector General) ने सभी वरिष्ठ और जिला पंजीयकों (District Registrars) को आदेश भिजवाए हैं, जिसमें विदेशों में रहने वाले भारतीयों यानी भारतीय अब पॉवर ऑफ अटार्नी (Power of Attorney) के जरिए रजिस्ट्री करवा सकेंगे। यानी उन्हें खुद दस्तावेज पंजीयन के लिए कार्यालय में उपस्थित होने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। इंदौर के वरिष्ठ जिला पंजीयक बालकृष्ण मोरे (Indore Senior District Registrar Balkrishna More) ने इस आदेश की पुष्टि भी की।
आज से पंजीयन विभाग (Registration Department) में भी रजिस्ट्रियां (registries) हु होने लगेंगी। हालांकि अवकाश के दिनों मे भी पिछले दिनों कार्यालय चालू रखे गए थे। मगर अभी दीपावली (Diwali) पर अवश्य अवकाश रहा। वरिष्ठ जिला पंजीयक मोरे के मुताबिक अक्टूबर के महीने में अचल सम्पत्तियों (Properties) की खरीद-फरोख्त बढऩे के साथ अच्छी संख्या में दस्तावेज भी पंजीकृत हुए। 140 करोड़ का राजस्व अक्टूबर के माह में ही अर्जित किया गया, जबकि इस वित्त वर्ष में 1535 करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य की तुलना में अभी तक 842 करोड़ रुपए हासिल हो चुके हैं। गत वर्ष अक्टूबर अंत तक कुल राजस्व 489 करोड़ ही हासिल हुआ था, लेकिन इस बार 72 फीसदी अधिक राजस्व मिला है। इस दौरान े64442 दस्तावेज भी पंजीबद्ध हुए। यह भी एक नया रिकॉर्ड है, वहीं महानिरीक्षक पंजीयन भोपाल (Inspector General of Registration Bhopal) ने विदेश में निवासरत व्यक्तियों की प्रदेश में स्थित सम्पत्तियों के विक्रय अभिलेख (Sales Records) के संबंध में आने वाली बड़ी कठिनाई को भी दूर कर दिया है। अचल सम्पत्ति के विक्रय का अधिकार देने वाले मुख्त्यारनामे का पंजीयन अनिवार्य होने के चलते विदेश में निष्पादित, किन्तु अपंजीकृत मुख्त्यारनामे के आधार पर गृहिता द्वारा निष्पादित विक्रय लेख पंजीयन हेतु स्वीकार नहीं किए जाते थे। पंजीयन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार दस्तावेज पंजीयन हेतु कार्यालय में उपस्थित होने की अनिवार्यता के चलते विदेश में निवासरत व्यक्ति का मुख्त्यारनामा पंजीयन (Power of Attorney Registration) कराने के लिए भारत आकर कार्यालय में उपस्थित होना इसकी प्रासंगिकता को निष्प्रभावी कर देता है। लिहाजा विदेश में निवासरत सम्पत्ति स्वामी किसी के पक्ष में वहां के किसी नोटरी पब्लिक, न्यायालय, भारतीय काउंसिल या केन्द्र सरकार (Notary Public, Court, Indian Council central government) के प्रतिनिधि के समक्ष निष्पाधित तथा अधिप्रमाणीकृत मुख्त्यारनामे के साथ मुख्त्यारगृहिता द्वारा पंजीयन हेतु विक्रय अभिलेख अधिनियम की धारा 32 के तहत स्वीकार योग्य है। प्रदेश में प्रचलित दस्तावेजों के ई-पंजीयन की वेब आधारित सम्पदा प्रणाली के तहत संबंधित पक्षकार द्वारा ऑनलाइन दस्तावेज तैयार करने की व्यवस्था है और विदेश में रहने वाले व्यक्तियों द्वारा स्वयं निष्पादित विक्रय अभिलेख का कंडिका 2 में वर्णित के आधार पर मुख्त्यारनामा गृहिता के माध्यम से प्रदेश के पंजीयन कार्यालयों में पंजीयन कराया जा सकता है। यानी अब एनआरआई पॉवर ऑफ अटार्नी के जरिए आसानी से अपनी सम्पत्तियां बेच सकेंगे।
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