नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि भारत (India) के पास इस समय पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार (adequate foreign exchange reserves) है। अगले पांच-छह साल में खराब-से-खराब परिस्थितियों में देश की सभी जरूरतों (all needs of country) को पूरा करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) संतोषजनक स्थिति (satisfactory condition) में है।
पीयूष गोयल ने बुधवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक सत्र 2023 को संबोधित करते हुए यह बात कही। वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सरकारी प्रयासों ने मुद्रा स्फीति के प्रबंधन में मदद की है। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि रिजर्व बैंक ने भी इसे ‘मान्यता’ देते हुए पिछली मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है।
वाणिज्य मंत्री ने कहा कि दुनिया में कोई भी अन्य विकासशील देश इस तरह की बेहतर स्थिति में नहीं है। यह पहली बार है जब कारोबारी ब्याज दरों को विकसित देशों के समान देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के व्यापारिक भागीदार मुक्त व्यापार करार (एफटीए) के लिए बातचीत तेजी चाहते हैं। गोयल ने भरोसा जताया कि साल 2030 तक देश 2,000 अरब डॉलर के वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के आंकड़े पर पहुंच जाएगा।
उल्लेखनीय है कि भारत अभी कनाडा, यूरोपियन मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए), ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ इस तरह के समझौतों के लिए बातचीत कर रहा है। वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के आंकड़ों के मुताबिक 12 मई को समाप्त हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.55 अरब डॉलर बढ़कर 599.52 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।
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