नई दिल्ली (New Delhi)। भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) समेत क्रिप्टो एसेट और उनके ऊपर काम कर रही कंपनियों पर शुरुआत से ही सख्त रुख अपनाया है. पहले ही भारत में उनके ऊपर भारी-भरकम टैक्स (Tax) लग रहा है. अब एक ताजा मामले में कई विदेशी क्रिप्टो कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) कानून के तहत नोटिस भेजे गए हैं. देश में उन कंपनियों के परिचालन को गैरकानूनी बताते हुए एक्सेस ब्लॉक करने की भी सिफारिश की गई है.
इन कंपनियों के ऊपर हुआ एक्शन
इस बारे में वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को अपडेट शेयर किया. मंत्रालय के अपडेट के अनुसार, जिन कंपनियों को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानूनों के तहत कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं, उनमें बाइनेंस, कुकॉइन, हुओबी, क्राकेन, गेट डॉट आईओ, बिटरेक्स, बिटस्टैम्प, एमईएक्ससी ग्लोबल और बिटफाइनेक्स शामिल हैं. सभी नौ विदेशी क्रिप्टो कंपनियों को भारत की फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट की ओर से शो-कॉज नोटिस भेजे गए हैं.
मंत्रालय ने यह भी साफ किया कि संबंधित 9 विदेशी क्रिप्टो कंपनियों के ऊपर जिस कार्रवाई की सिफारिश की गई है, वह भारत में भौतिक उपस्थिति को लेकर नहीं है, बल्कि गतिविधियों से संबंधित है.
टाइमलाइन के बारे में नहीं कोई अपडेट
क्रिप्टो कंपनियों को भेजे गए नोटिस में कोई टाइमलाइन नहीं दिया गया है. मतलब इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि कंपनियों को कब तक जवाब देना है या उनके ऊपर कब तक कार्रवाई की जा सकती है. भारत में क्रिप्टो कंपनियों पर इस तरह की कार्रवाई का यह पहला मामला है.
एफआईयू के पास रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
इससे पहले सरकार ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट के साथ 28 घरेलू क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां खुद को रजिस्टर कर चुकी हैं. अब ऐसी कंपनियों की संख्या बढ़कर 31 हो गई है. वित्त मंत्रालय ने मार्च में कहा था कि भारत में परिचालन कर रही सभी क्रिप्टो कंपनियों को एफआईयू के पास रजिस्टर कराना अनिवार्य है.
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