नई दिल्ली: महसा अमिनी की मौत (death of mahsa amini) को लेकर ईरान (Iran) ने कहा कि उसकी मौत पिटाई के कारण नहीं बल्कि बीमारी के चलते (due to illness) हुई है. मेडिकल रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. एएफपी के मुताबिक, ईरान के फॉरेंसिक ऑर्गेनाइजेशन (forensic organization) ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘महसा अमिनी की मौत सिर और शरीर के महत्वपूर्ण अंगों पर चोट (injury to vital organs) लगने की वजह से नहीं हुई थी. आठ साल की उम्र में उन्हें ब्रेन ट्यूमर हो गया था. इसके बाद उनकी सर्जरी हुई थी. मौत इसी से संबंधित थी.’ महसा की मौत के करीब तीन हफ्ते बाद मेडिकल रिपोर्ट आई है, जिसमें ये हवाला दिया गया है.
मॉरिलिटी पुलिस ने हिजाब सही से नहीं पहनने के आरोप में सितंबर में अमीनी को हिरासत में लिया था. वह पुलिस स्टेशन में बेहोश हो गई और इसके तीन दिन बाद उसकी मौत (16 सितंबर) हो गई थी. अमिनी की मौत के खिलाफ देश के दर्जनों शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. महिलाएं सड़कों पर उतर आईं. देश में हिजाबों को जलाया गया. महसा की मौत पर ईरान में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में हंगामा बरपा है. दुनिया भर की महिलाएं अपने बाल काट कर महसा के प्रति अपना समर्थन जाहिर कीं. दुनिया भर के कई देशों ने इस घटना की निंदा की.
अमेरिका ने 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान सरकार के अधिकारियों के खिलाफ गुरुवार को और पाबंदियां लगा दीं. अमेरिकी वित्त कार्यालय के विदेशी संपत्ति नियंत्रण विभाग ने ईरान में इंटरनेट सेवा बंद करने, लोगों की आवाज दबाने और प्रदर्शनकारियों तथा नागरिकों के खिलाफ हिंसा को लेकर सात उच्चाधिकारियों पर वित्तीय पाबंदियां लगाई हैं. ईरान के आंतरिक और संचार मंत्रियों तथा कई कानून प्रवर्तन नेताओं पर भी पाबंदी लगायी गई है.
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास ने ईरान की उन साहसी महिलाओं के प्रति समर्थन जताया है, जो 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के मामले पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. प्रियंका (40) ने प्रदर्शनकारी ईरानियों के लिए इंस्टाग्राम पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने प्रदर्शनकारी महिलाओं की तारीफ की. प्रियंका ने लिखा, ‘मैं आपके साहस की तारीफ करती हूं. अपनी जान जोखिम में डालना, पितृसत्तात्मक व्यवस्था को चुनौती देना और अपने अधिकारों के लिए लड़ना आसान नहीं होता, लेकिन आप साहसी महिलाएं हैं जो हर दिन ऐसा कर रही हैं, चाहे इसकी कीमत कुछ भी हो.’
प्रियंका ने दूसरे लोगों से भी प्रदर्शनकारियों की अपील सुनने और उनका समर्थन करने का अनुरोध किया. उन्होंने लिखा, ‘उन सभी लोगों को आगे आना चाहिए, जो दूसरों को प्रभावित कर सकते हैं. इस महत्वपूर्ण आंदोलन को अपनी आवाज दें. जानकारी रखें और आवाज उठाएं, ताकि इन आवाजों को अब चुप रहने के लिए मजबूर न किया जा सके. मैं आपके साथ खड़ी हूं.’
पिछले महीने 16 सितंबर को महसा अमिनी की मौत हुई थी. इसके बाद ईरान में अशांति फैल गया. सैंकड़ों लोग सड़कों पर उतर गए. इस विरोध प्रदर्शन में कई लोगों की मौत भी हुई. विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ ईरानी सरकार ने कड़ी कार्रवाई की. राज्य द्वारा संचालित मीडिया में रिपोर्ट में कहा गया है कि विरोध प्रदर्शन से जुड़े कम से कम 1,900 गिरफ्तारियां हुई हैं. वहीं, समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि ईरान ह्यूमन राइट्स नामक एक ओस्लो स्थित समूह ने अनुमान लगाया है कि कम से कम 154 लोग मारे गए हैं.
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