नई दिल्ली। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को आज इंडिया गेट पर होने वाले विजय पर्व में शामिल होना था। इस खास पर्व के लिए उनकी तैयारियां भी खास थीं। वो पूरे देश को इस पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रित करने वाले थे। इसके लिए जनरल रावत ने वीडियो संदेश भी रिकॉर्ड करवाया था। आज अगर वो हमारे बीच होते तो जनता को इस तरह संबोधित करते-
आज के लिए उनके द्वारा रिकॉर्ड किए गए वीडियो के कुछ अंश-
स्वर्णिम विजय पर्व के अवसर पर मैं भारतीय सेना के सभी बहादुर जवानों को हार्दिक बधाई देता हूं। भारतीय सेना की 1971 की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ को हम विजयपर्व के रूप में मना रहे हैं। मैं इस पावन पर्व पर सशस्त्र सेना के वीर जवानों को याद करते हुए उनके बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
#WATCH Late CDS General Bipin Rawat’s pre-recorded message played at an event on the occasion ‘Swarnim Vijay Parv’ inaugurated today at India Gate lawns in Delhi. This message was recorded on December 7.
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/trWYx7ogSy
— ANI (@ANI) December 12, 2021
12 से 14 दिसंबर तक इंडिया गेट पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। यह बड़े ही सौभाग्य की बात है कि विजय पर्व अमर जवान ज्योति की लौ की छांव में आयोजित किया जा रहा है। जो कि, हमारे वीर शहीदों की याद में स्थापित की गई थी। हम सभी देश वासियों को इस विजय पर्व के जश्न में सम्मिलित होने के लिए आमंत्रित करते हैं।
राजनाथ सिंह ने किया जनरल बिपिन रावत को याद
इंडिया गेट पर 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह आयोजन और भी भव्य और दिव्य रूप में करने का निर्णय हुआ था, मगर देश के पहले सीडीएस, जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन के बाद इसे सादगी के साथ मानने का निर्णय लिया गया है।
आज के अवसर मैं उन्हें भी स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि आज हम सभी यहां इंडिया गेट पर 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के अंतर्गत आयोजित ‘विजय पर्व’ को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।
यह पर्व भारतीय सेनाओं की उस शानदार विजय के उपलक्ष्य में है, जिसने दक्षिण एशिया के इतिहास और भूगोल दोनों को बदल कर रख दिया। आप सभी शायद मार्टिन लूथर किंग जूनियर के उस कथन से अवगत होंगे, जिसमें उन्होंने कहा था, कि ‘Injustice anywhere is a threat to justice everywhere’ यानि किसी भी जगह अगर अन्याय हो रहा हैं तो वो दूसरी जगह व्याप्त न्याय के लिए भी खतरा पैदा करता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि आज के दिन मैं भारतीय सेना के हर उस सैनिक के शौर्य, पराक्रम और बलिदान को नमन करता हूं, जिनकी वजह से 1971 के युद्ध मे भारत ने विजय हासिल की। यह देश उन सभी वीरों के त्याग और बलिदान का सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि आम जन इस पहल के माध्यम से अपने आप को 1971 के युद्ध की उपलब्धियों और उसकी प्रेरणाओं से अपने खुद को को जोड़ सकेंगे और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को नए तरीके से आत्मसात् कर सकेंगे।
रक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात की ख़ुशी है कि इस पर्व में देश की आम जनता को शामिल करने, उन्हें 1971 के युद्ध के बारे में जानकारी देने, हमारी सेनाओं की अब तक की प्रगति के बारे में अवगत करने के लिए विशाल प्रदर्शनी लगाई गई है। हमारे सशस्त्र बल को किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रखना हमारा उद्देश्य है, और इस दिशा में हम बड़ी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। ‘विजय पर्व’ जैसे उत्सव हमें इसी राह पर और तेजी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
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