भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने नर्मदा के जल को बांध से लापरवाही से छोड़े जाने का मुद्दा उठाते हुए अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुश करने के लिए अधिकारियों नियमों अनुसार डैम के गेट नहीं खोले, बल्कि अचानक नर्मदा का जल छोड़ दिया. इसकी वजह से किसानों और व्यापारियों को करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी मांग की है.
मध्य प्रदेश में चुनावी साल में हर मुद्दे पर राजनीति हो रही है. अब बांध से नर्मदा का जल छोड़े जाने को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन होने की वजह से नर्मदा के बांध से जल नहीं छोड़ा गया. प्रधानमंत्री की जन्मदिन पर डैम लबालब भरा रहे, इसी बात को ध्यान में रखते हुए गेट नहीं खोले गए. उन्होंने आरोप लगाया कि नर्मदा में बरगी से लेकर सरदार सरोवर तक कई बांध बनाए गए जोकि नियम अनुसार बाढ़ के दौरान खोले जाते हैं.
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओंकारेश्वर में कार्यक्रम होने की वजह से भी डैम के गेट खोलने को लेकर लापरवाही बरती गई. उन्होंने आगे कहा कि डैम से 36000 क्यूसेक (क्यूबिक मीटर पर सेकंड) पानी छोड़ने का आदेश मिला था जबकि 50000 क्यूसेक से ज्यादा गति से जल निकाल दिया गया, जिसकी वजह से ओंकारेश्वर में व्यापारियों को जल जमाव के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा. इसी तरह बड़वानी में भी किसानों और व्यापारियों का काफी नुकसान हुआ है. दिग्विजय सिंह ने सरकार से मुआवजा मांगते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग भी कर डाली है.
शिवराज सरकार के कृषि कल्याण मंत्री कमल पटेल ने दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से पूछ कर अधिकारी डैम के गेट नहीं खोलेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक डैम लबालब नहीं होते हैं, तब तक गेट नहीं खोले जाते हैं. इसके अलावा डैम के गेट खोलने के पहले आसपास के गांव में और पूरे क्षेत्र में सतर्क रहने का एलान भी कर दिया जाता है. इस बार तो बाढ़ के दौरान लोगों को अलर्ट कर दिया गया था. इसके बावजूद यदि किसी का नुकसान हुआ है तो अधिकारी सर्वे करेंगे. दिग्विजय सिंह को ऐसे मामलों में राजनीति करने की आवश्यकता नहीं है.
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