ग्वालियर: मध्यप्रदेश के ग्वालियर (Gwalior of Madhya Pradesh) में इन दिनों हाड़ जलाने वाली भीषण गर्मी पड़ रही है, नौतपा में ग्वालियर (Gwalior) इस कदर तप रहा है कि इंसान, पशु, पक्षी सबका जीना मुश्किल हो रहा है. गर्मी ने बीते कई दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए है. मंगलवार को ग्वालियर में पारा 47.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड (Temperatures in Gwalior record 47.6 degrees Celsius) किया गया.
ग्वालियर में बुधवार 46 डिग्री तो गुरुवार को दोपहर 2 बजे पारा 44 डिग्री तक पहुंच गया. खास बात ये है कि स्वतंत्र भारत मे यह पहला मौका है जब तापमान ने यहां यह आंकड़ा छुआ. लगातार भीषण गर्मी अब जानलेवा भी बन रही है. मंगलवार को हीट स्ट्रोक के चलते दो लोगों की मौत हो गई. वहीं बुधवार को भाई-बहन और और एक ऑटो चालक की गर्मी ने जान ले ली. इसके बाद 24 घंटे में गर्मी से मरने वालों की संख्या 5 हो गई.
मंगलवार को ग्वालियर में पारा 47.6 डिग्री सेल्सियस को छू गया जिसे देखकर मौसम वैज्ञानिक तक हैरान रह गए. आंकड़े बताते है कि आज़ाद भारत मे ग्वालियर में यह पहला मौका है जब मई महीने में तापमान यहां तक पहुंच गय हो. मौसम विभाग के मुताबिक इससे पहले 30 मई 1947 को ग्वालियर का तापमान 48.3 डिग्री सेल्सियस रहा था.
नौतपा में लगातार बढ़ती जा रही गर्मी और दिन और रात के टेम्परेचर में कोई खास अंतर न होने के चलते गर्मी से लोगों की हालत बहुत खराब होती जा रही है और अब यह जानलेवा हो गई है. कल गर्मी के चलते दो लोगों की मौत हो गई. ई रिक्शा चालक धर्मवीर कोरी ने गर्मी के चलते दम तोड़ दिया. वह मेवाती मुहल्ले में अपने ई रिक्शा में बेहोश पड़ा मिला. लोग उसे लेकर अस्पताल पहुंचे लेकिन पता चला कि उसकी काफी देर पहले ही मौत हो चुकी थी.
इसके अलावा जनकगंज इलाके पचास साल के रतन कोरी का शव पेड़ के नीचे पड़ा मिला. दोनो मौतों की बजह हीट स्ट्रोक माना जा रहा है क्योंकि दोनों का गला पूरी तरह सूखा हुआ था. इसके अलावा ऑटो से अपनी दादी के साथ जा रहे दस साल के बच्चे और 8 साल की बच्ची की मौत हो गई जबकि दादी भी बीमार हैं. शाम को एक ऑटो चालक महिला थाने के सामने बेहोश होकर गिर पड़ा. जब तक लोग उसे अस्पताल ले पाते तब तक उसने दम तोड़ दिया. मौसम विभाग के अनुसार ग्वालियर चम्बल सम्भाग के सभी जिले सीवियर लू की चपेट में रहेंगे. ग्वालियर के लिए आज भी रेड अलर्ट जारी किया गया है. आगामी 24 घंटों में भी पारा 47 डिग्री सेल्सियस से नीचे उतरने की संभावना नहीं है.
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