नई दिल्ली। भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में पहली बार फैकल्टी सदस्यों या शिक्षकों की कोटा आधारित भर्तियां होने जा रही हैं। संस्थानों में केंद्र सरकार (central government) की तरफ से जारी आदेश के बाद यह कदम उठाया है। इस संबंध में IITs की तरफ से विज्ञापन भी जारी कर दिए गए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 4 सितंबर 2022 तक नियमों का पालन करने और खासतौर से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग में भर्तियां पूरी करने के लिए कहा है।
इससे पहले आईआईटी के पास भर्तियों के लिए अधिकार थे। केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में भर्ती के लिए समय सीमा तय की गई है, जो संस्थानों के लिए चिंता का कारण बन गई है। IIT एक साल तक चलने वाली भर्ती प्रक्रिया का पालन करता है। वहीं, इससे पहले सरकार की तरफ से IIT के लिए समयसीमा तय नहीं की गई थी। साल 2019 से ही शिक्षा मंत्रालय केंद्र से आर्थिक मदद हासिल करने वाले शिक्षण संस्थानों में आरक्षण के लिए जोर दे रहा है।
केंद्रीय शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने पर सुझाव देने के लिए जून 2020 में एक समिति बनाई गई थी, जिसने कहा था कि IIT संस्थानों का राष्ट्रीय महत्व है और ऐसे में इन्हें आरक्षण से छूट मिलनी चाहिए। कहा गया था कि आरक्षण का मुद्दा प्रत्येक IIT बोर्ड पर ही छोड़ा गया था। साथ ही यह भी कहा गया था कि अगर भर्तियों में कोटा लागू होगा, तो प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर को इससे बाहर रखा जाएगा। फिलहाल, भर्तियों में पिछड़ी पृष्ठभूमि से आने वाली महिलाओं को आवेदन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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