कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह पर शनिवार को पहली बार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL) की तरल पेट्रोलियम गैस (LPG) को एक जहाज से दूसरे जहाज पर उतारा गया। यह जानकारी पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की ओर से दी गई है। मंत्रालय के अनुसार, बीपीसीएल ने सेवा प्रदाता मैसर्स फेंडरकेयर मरीन को इस तरह की सेवाएं प्रदान करने के लिए नियुक्त किया है।
लगभग 2.6 करोड़ रुपये की होगी बचत
भारत पेट्रोलियम द्वारा पहली बार एक जहाज से दूसरे जहाज पर 17 घंटे में 23,051 मीट्रिक टन एलपीजी को दूसरे जहाज में पहुंचाया गया। बीपीसीएल ने बताया कि हल्दिया डॉक सिस्टम के तहत एक जहाज से सीधे दूसरे जहाज में माल उतारने से सात से नौ दिन और प्रति यात्रा करीब 3,50,000 डॉलर यानी लगभग 2.6 करोड़ रुपये की बचत होगी। तत्काल एसटीएस संचालन से न केवल देश के सबसे पुराने बंदरगाह के लिए नई व्यावसायिक संभावनाएं खुलने की उम्मीद है, बल्कि पर्याप्त विदेशी मुद्रा की बचत से व्यापार और देश को भी लाभ होगा।
हल्दिया डॉक कॉम्पलेक्स ने निभाई अहम भूमिका
जानकारी के अनुसार हल्दिया डॉक कॉम्पलेक्स ने इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद उसकी ओर से कस्टम विभाग से मंजूरी की मांग की गई। विभाग ने 26 अप्रैल, 2021 को इस काम के लिए मंजूरी दे दी। बता दें कि हल्दिया डॉक कॉम्पलेक्स कार्गो के क्षेत्र में काम करने में अग्रणी है।
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