नई दिल्ली (New Delhi)। यूरोपीय संसद ने शनिवार को कहा कि उसके मेंबर्स प्रस्तावित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्ट (AI एक्ट) पर एक ऐतिहासिक ‘प्रोविजनल एग्रीमेंट’ पर पहुंच गए हैं. EU का AI एक्ट एआई इससे जुड़े यूजर्स के नुकसान को नियंत्रित करने वाला दुनिया का पहला व्यापक नियम बनने जा रहा है.
यूरोपीय संसद ने एक बयान में कहा कि ‘इस रेगुलेशन का उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि इनोवेशन को बढ़ावा देने और यूरोप को इस सेक्टर में लीडर बनाने के साथ-साथ मौलिक अधिकार, लोकतंत्र, कानून का शासन और पर्यावरणीय स्थिरता हाई रिस्कत AI से सुरक्षित रहे.’
AI के कुछ एप्लीकेशन द्वारा नागरिकों के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए संभावित खतरे को पहचानते हुए, को-लेजिस्लेटर्स संवेदनशील विशेषताओं (राजनीतिक, धार्मिक, दार्शनिक विश्वास, सेक्सुअल ओरिएंटेशन, नस्ल) का उपयोग करने वाले बायोमेट्रिक कैटेगरी सिस्टम को बैन करने पर सहमत हुए.
यह एग्रीमेंट फेस रिकग्निशन डेटाबेस, वर्कप्लेस और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में इमोशन रिकग्निशन और सोशल बिहेवियर या व्यक्तिगत विशेषताओं के आधार पर सोशल स्कोरिंग बनाने के लिए इंटरनेट या सीसीटीवी फुटेज से फेशियल इमेज की अनटारेगेटेड स्क्रैपिंग पर भी रोक लगाता है.
ये एग्रीमेंट उन AI सिस्टम पर भी अंकुश लगाता है जो मानव व्यवहार में हेरफेर करके उनकी स्वतंत्र इच्छा को बाधित करते हैं और एआई का उपयोग लोगों की कमजोरियों (उनकी उम्र, विकलांगता, सामाजिक या आर्थिक स्थिति के कारण) का फायदा उठाने के लिए करते हैं. हाई रिस्क जोन (स्वास्थ्य, सुरक्षा, मौलिक अधिकारों, पर्यावरण, लोकतंत्र और कानून के शासन को महत्वपूर्ण संभावित नुकसान की वजह से) में रखे गए AI सिस्टम के लिए, स्पष्ट दायित्वों पर सहमति भी व्यक्त की गई.
संसद ने कहा, ‘चुनाव के नतीजों और मतदाता व्यवहार पर असर पर डालने के लिए उपयोग किये जाने वाले AI सिस्टम को भी हाई-रिस्क जोन में रखा गया है. नागरिकों को एआई सिस्टम के बारे में शिकायतें करने और हाई रिस्क वाले एआई सिस्टम पर आधारित निर्णयों के बारे में स्पष्टीकरण प्राप्त करने का अधिकार होगा जो उनके अधिकारों को प्रभावित करते हैं.’
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