शिमला: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में विधानसभा (Assembly) की तीन सीटों पर हुए चुनाव (Elections) के नतीजों शनिवार को घोषित हुए. यहां पर सबकी निगाहें कांगड़ा की देहरा सीट पर थी. क्योंकि यहां से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhvinder Singh Sukhu) की पत्नी चुनाव लड़ रही थी. ऐसे में अब कमलेश ठाकुर (Kamlesh Thakur) देहरा से चुनाव जीत गई हैं और हिमाचल के चुनावी इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई पति-पत्नी एक साथ विधानसभा में नजर आएंगे.
दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जीत दर्ज की थी और वह प्रदेश के सीएम बने. अब देहरा से 2024 के उपचुनाव में उनकी पत्नी ने जीत दर्ज की है और वह पहली बार विधायक बनी हैं. सीएम सुक्खू चार बार के विधायक हैं. हिमाचल प्रदेश में दिवंगत पूर्व वीरभद्र सिंह छह बार सीएम रहे. उनका परिवार राजनीति में रहा लेकिन, कभी भी वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह एक साथ विधायक नहीं बने.
वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह ने अपने सियासी करियर में कभी विधायक का चुनाव नहीं लड़ा. वह मंडी से सांसद जरूर रही हैं. वहीं, विक्रमादित्य सिंह और विक्रमादित्य सिंह जरूर एक साथ विधानसभा पहुंचे थे. 2017 के विधानसभा चुनाव में वीरभद्र सिंह और विक्रमादित्य सिंह ने जीत हासिल की थी.
हिमाचल प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल दो बार सीएम रहे. उनके बेटे अनुराग ठाकुर को कौन नहीं जानता है. लेकिन इस परिवार से भी कोई एक साथ विधायक नहीं रहा. धूमल की पत्नी तो हमेशा राजनीति से दूर रहे. जब धूमल विधायक और सीएम थे तो अनुराग ठाकुर जरूर सांसद बने थे.
मंडी की राजनीति में पंडित सुखराम का नाम भला कैसे कोई भूल सकता है. वह भी हिमाचल प्रदेश के कदावर नेता थे. वह प्रदेश में विधायक के अलावा, सांसद और केंद्र में मंत्री भी रहे. उनके बेटे अनिल शर्मा जरूर हिमाचल से विधायक और मंत्री रहे हैं. लेकिन पत्नी कभी राजनीति में नहीं आई. इसी तरह, दिग्गज नेता कौल सिंह, जयराम ठाकुर, पूर्व सीएम रामलाल ठाकुर, महेंद्र सिंह ठाकुर सहित अन्य नेताओं की पत्नियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा. हालांकि, कई नेताओं की अगली पीढ़ी जरूर राजनीति में सक्रिय है और बेटे विधायक भी बने हैं.
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