पूरे समय नकलची विद्यार्थियों की धरपकड़ के लिए उडऩदस्ते सक्रिय रहे
इन्दौर। माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं व 12वीं की इस वर्ष हुई मुख्य परीक्षाओं में पहली बार मात्र 276 नकल प्रकरण दर्ज हुए। मंडल के इतिहास में सबसे कम नकल के प्रकरण दर्ज होने का रिकार्ड बना है।
मंडल की दोनों परीक्षाओं में इस वर्ष 19 लाख के करीब विद्यार्थी शामिल हुए। इतनी अधिक संख्या में विद्यार्थियों के परीक्षा देने के बावजूद जो नकल प्रकरण बने हैं उससे मंडल के अधिकारी भी आश्चर्य में पड़ गए हैं। मंडल द्वारा जो आंकड़े उपलब्ध कराए गए हैं उसके अनुसार दोनों कक्षाओं में मात्र 276 ही प्रकरण दर्ज हुए। नकलची विद्यार्थियों की धरपकड़ के लिए इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन सहित अन्य शहरों में 5 से 7 उडऩदस्ते बनाए गए थे। उडऩदस्ते के सदस्यों ने लगातार आकस्मिक रूप से स्कूलों का निरीक्षण किया। वहीं वे परीक्षा केन्द्र जो नकलपट्टी करने के मामले में संवेदनशील और अतिसंवेदनशील माने जाते हैं, वहां पूरे समय अतिरिक्त पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए थे। सीसीटीवी कैमरे के माध्यम से निगरानी भी की गई थी। इसका यह असर रहा कि इस बार सबसे कम नकल प्रकरण बने। इधर नकलची विद्यार्थियों को मंडल ने नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। जवाब के आधार पर मंडल की कमेटी, जो कि नकल प्रकरणों का निराकरण करती है, ऐसे विद्यार्थियों के मामले में निर्णय लेगी।
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