• img-fluid

    देश में पहली बार डेयरी सेक्टर के लिए तय होगा टर्म लोन का लक्ष्यः केन्द्रीय सचिव

  • July 24, 2022

    – देश के पहले ए-हेल्प प्रशिक्षण का हुआ शुभारंभ

    भोपाल। केन्द्रीय मत्स्य-पालन एवं पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी (atul chaturvedi) ने कहा कि देश के इतिहास में अब तक वर्किंग केपिटल और टर्म लोन (Working Capital and Term Loan) का 70 से 90 प्रतिशत हिस्सा बैंकों द्वारा कृषि के लिए दिया जाता था। पशुपालन मंत्रालय (Ministry of Animal Husbandry) के लगातार प्रयासों से अब बैंकों द्वारा वर्किंग केपिटल और टर्म लोन में पशुधन डेयरी सेक्टर (Livestock Dairy Sector) के लिये ही लक्ष्य तय किया जायेगा।

    केन्द्रीय सचिव चतुर्वेदी शनिवार को राजधानी भोपाल में आयोजित देश के पहले ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ए-हेल्प प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं से टीकाकरण कार्यक्रम, पशुपालकों को उद्यमिता विकास के लिये ऋण लेने, आवेदन भरने, पशुओं की टेगिंग को चिन्हित कर इनॉफ पोर्टल पर दर्ज कराने और पशुधन बीमा आदि कार्यों में गति मिलेगी।


    कार्यक्रम में केन्द्रीय ग्रामीण विकास सचिव नागेन्द्र नाथ सिन्हा ने कहा कि पशुपालन से भूमिहीन मजदूर को भी आमदनी होती है। देश में 7 करोड़ परिवार इससे जुड़े हैं। प्रसन्नता की बात है कि अब तक देश के राज्यों ने 2 लाख से अधिक पशु-सखी को ए-हेल्प कार्यकर्ता बनाने की रजामंदी दी है। यह प्रक्रिया अभी जारी है। केन्द्रीय अपर सचिव वर्षा शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश पशुपालन के अग्रणी राज्यों में है।

    इससे पहले प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने देश के पहले ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था को उन्नत बनाने के उद्देश्य से केन्द्रीय ग्रामीण विकास और मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय द्वारा राज्य पशुपालन विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों की पशु-सखी को ए-हेल्प कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षित किया गया।

    पशुपालन मंत्री पटेल ने कहा कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सुदृढ़ प्रयास है, जो देश में दुग्ध, पोल्ट्री आदि उत्पादन और जैविक खाद प्रबंधन में नये आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों से हुए महिला सशक्तिकरण से देश में अभूतपूर्व विकास हुआ है। पशुपालन की योजनाओं से एक लीटर दूध देने वाली गाय से किसान अब 10-10 लीटर तक दूध लेने में समर्थ हो गये हैं। बेहतर सड़कों की उपलब्धता ने विकास की गति तेज की है।

    मंत्री पटेल और अन्य अतिथियों ने ए-हेल्प कार्यक्रम का लोगो, प्रगतिशील पशुपालकों की सफलता की प्रेरणादायी कहानियों की पुस्तक और पशुपालन विभाग की उद्यमिता योजनाओं की पुस्तक का विमोचन भी किया। किसान क्रेडिट योजना का लाभ प्राप्त करने वाले पशुपालकों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये।

    प्रदेश के पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने राष्ट्रीय डेयरी डेव्हलपमेंट बोर्ड का आभार माना। उन्होंने कहा कि प्रदेश आपके विश्वास पर शत-प्रतिशत खरा उतरेगा। पशुपालन विभाग, पशुपालक, पशु-सखी और युवाओं की लगन और मेहनत का परिणाम है कि आज मध्यप्रदेश दुग्ध उत्पादन में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। कार्यक्रम को डेयरी डेव्हलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह, वेटनरी काउंसिल ऑफ इण्डिया के अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा और संचालक डॉ. आरके मेहिया ने भी संबोधित किया। संयुक्त सचिव पशुपालन और डेयरी उपमन्यु बसु ने आभार माना। (एजेंसी, हि.स.)

    Share:

    यूरोपियन देशों की तरह ही सुरिक्षत है मध्यप्रदेश : एरिक सोलहेम

    Sun Jul 24 , 2022
    -संयुक्त राष्ट्र के छठे प्रमुख और पूर्व पर्यावरण कार्यकारी निदेशक एरिक सोलहेम पहुंचे मप्र टूरिज्म बोर्ड भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) एक ग्रीन और क्लीन (हरा व स्वच्छ) (green and clean) शहर है। यहां विदेशी पर्यटकों को आकर्षित (attract foreign tourists) करने के लिए सब कुछ है। विभिन्न प्रजातियों के वन्य-जीव हैं, मंदिर हैं, ऐतिहासिक विरासतें […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved