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    पहली बार किसी चुनाव में कांग्रेसी-भाजपाई आमने-सामने नहीं, केवल भाजपा की टेबलें ही नजर आईं मतदान केन्द्रों के बाहर

  • May 13, 2024

    इंदौर। पहली बार ऐसा चुनाव (election) हो रहा है, जिसमें निरसता (dullness) नजर आ रही है। ऐसा नहीं है कि मतदाताओं (voters) में उत्साह नहीं है, लेकिन न तो भाजपा (BJP) के कार्यकर्ताओं (workers) में जोश है और न ही निर्दलीय के नाम पर मतदान केंद्र के अंदर बैठे कांग्रेसियों (Congress ) में। सुबह से अभी तक कोई बड़ी झड़प (clash) की खबर भी सामने नहीं आई है, जो हर चुनाव में आम बात हुआ करती थी। कई मतदान केंद्रों पर तो कांग्रेसी और भाजपाई बतियाते हुए नजर आए। मतदान केंद्र के बाहर केवल भाजपा की टेबलें ही लगी हैं। उन निर्दलीय और दूसरे दलों के प्रत्याशियों ने वहां टेबलें लगाई हैं, जहां उनका प्रभाव है।


    यह तो पहले से ही तय था कि एकतरफा होने के चलते इस बार का लोकसभा चुनाव नीरस ही रहने वाला है और आज सुबह इसका उदाहरण भी देखने को मिला। हालांकि मतदाताओं पर इसका असर नहीं पड़ा है, लेकिन कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता जो बूथ पर जी-जान लगा देते हैं, वे जरूर शांत बैठे हुए हैं, नहीं तो लोकसभा और विधानसभा जैसे चुनाव के साथ-साथ नगर निगम चुनाव में सुबह से ही दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच छोटी-छोटी बातों को लेकर झड़प होती रहती थी। इससे पीठासीन अधिकारी भी परेशान थे, लेकिन इस बार सबकुछ शांति से चल रहा है। इंदौर लोकसभा के कुल सवा दो हजार मतदान केंद्रों पर भाजपा की टेबलें तो नजर आ रही हैं, लेकिन कांग्रेस चुनाव में नहीं होने के कारण गायब है। कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट बनकर बूथ के अंदर बैठने में सफलता तो प्राप्त कर ली है, लेकिन वे भी चुपचाप वोट डलते हुए देख रहे हैं। कांग्रेस ने जिस जोर-शोर से नोटा को लेकर लोगों से अपील की थी, उसका असर भी नहीं दिख रहा है। अधिकांश कांग्रेस नेता या तो घर से ही नहीं निकले हैं या केवल दिखाने के लिए अपने-अपने क्षेत्र में घूम रहे हैं। वहीं भाजपा में जरूर मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने और लालवानी को अधिक से अधिक वोटों से जिताने की होड़ मची हुई है। सुबह से भाजपा के स्थानीय नेता सक्रिय दिखाई दिए और अपने-अपने बूथ पर लोगों से मेल-मुलाकात कर उन्हें वोट देने के लिए कहते रहे। अब देखना यह है कि कांग्रेसियों की नोटा के लिए मशक्कत और भाजपाइयों का अंतर बढ़ाने का दावा कहां तक सही हो पाता है।

    मुस्लिम वार्डों में ठंडा माहौल
    शहर में कुल 9 मुस्लिम वार्ड हैं, जहां मतदान के प्रति दिलचस्पी नजर नहीं आ रही है। शहर के मध्य क्षेत्र की विधानसभा 3 के मुस्लिम वार्ड जो कांग्रेस का गढ़ माने जाते हैं, में आज सुबह मतदान केंद्रों पर ठंडा माहौल रहा और मुस्लिम मतदाता घर से बाहर नहीं निकले। हालांकि यहां से विधानसभा का चुनाव लड़े पिंटू जोशी का कहना है कि मुस्लिम क्षेत्रों का मतदाता कांग्रेस के पक्ष में ही वोट डालता है और सुबह घरों से नहीं निकलता है। विशेषकर महिलाएं भी घर के काम निपटाकर दोपहर और शाम को वोट डालने के लिए निकलेंगी। अगर मतदान कम हो रहा है तो वह कांग्रेस की अपील का असर ही है। मुस्लिम मतदाता कभी तुष्टिकरण करने वाली भाजपा को वोट नहीं डालेगा। वैसे अधिकांश लोग नोटा दबाकर ही आ रहे हैं।

    खाने की व्यवस्था की कांग्रेसियों के लिए
    निर्दलीय प्रत्याशी के एजेंट के रूप में कांग्रेसियों को बिठाया गया है। हालांकि कांगे्रस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इंदौर की कमान अपने हाथ में ले रखी है और वे इस पर निगाह रख रहे हैं। साथ ही कांग्रेस नेताओं से कह रहे हैं कि अधिक से अधिक वोट नोटा में डलवाने का प्रयास करेंगे। कांग्रेस एजेंटों के लिए भोजन की व्यवस्था भी गई है और 11 बजे ही भोजन के पैकेट मतदान केंद्रों तक पहुंचा दिए गए हैं।
    भाजपाइयों को मिला नाश्ता और चाय
    भाजपाइयों को सुबह नाश्ता और चाय मिली तो उन्हें दोपहर का खाना भी पहुंचाया जा रहा है। इसकी जवाबदारी क्षेत्रीय पार्षद और वार्ड अध्यक्ष को दी गई है। शाम को भी उन्हें चाय देने की व्यवस्था रखी गई है।

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