इंदौर। शहर भाजपा का नया अध्यक्ष जल्द ही मिल सकता है। इसके लिए भोपाल में चर्चा चल रही है। मौजूद अध्यक्ष गौरव रणदिवे को एक्सटेंशन दिया जाए या फिर हटाया जाए, इसको लेकर वरिष्ठ नेताओं में आम सहमति नहीं बन पा रही है। बताया जा रहा है कि कुल 15 जिलों में अध्यक्षों को जल्द ही बदल दिया जाएगा। इसको देखते हुए इंदौर के संभावित दावेदारों ने भी अपनी दौड़ तेज कर दी है। गौरव रणदिवे का यह दूसरा कार्यकाल चल रहा है। इस कार्यकाल को भी एक साल हो गया है और अभी दो साल का कार्यकाल बाकी है। प्रदेश भाजपा संगठन ने चुनाव को देखते हुए गौरव का दूसरा कार्यकाल भी यथावत रखा था, लेकिन संगठन चुनाव की उठापटक के चलते अब गौरव का कार्यकाल दूसरी बार बढऩे में संदेह है। गौरव रणदिवे पूर्व संगठन महामंत्री सुहास भगत के करीबी थे और उनके कारण ही जूनियर होते हुए भी उन्हें इंदौर शहर का संगठन अध्यक्ष बनाया गया था।
शुरुआत में जरूर कुछ वरिष्ठ नेताओं ने गौरव के साथ काम करने में अपने आपको असहज महसूस किया था, लेकिन बाद में सब एक हो गए थे। गौरव के कार्यकाल में नगर निगम, विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा जीतती आई है। इसका एक फायदा उन्हें मिल सकता है। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल पार्टी सभी अध्यक्षों को हटाकर नई टीम खड़ी करना चाह रही है। कुछ का कहना है कि पहले पुराने अध्यक्षों की रवानगी कर दी जाएगी तो कुछ का कहना है कि सबकुछ पार्टी के चुनाव कार्यक्रम के अनुसार ही होगा। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा केंद्र में मंत्री बन चुके हंै और जून के अंत में उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। इसके बाद चुनाव होना है। जिन जिलों में अध्यक्षों को बदला जाना है, उनको लेकर पार्टी में अंदरूनी कवायद शुरू हो गई है और देखा जा रहा है कि कौन से शहर के लिए कौन नेता उपयुक्त होगा। इसको देखते हुए इंदौर के दावेदारों में भी सरगर्मी शुरू हो गई है और हर कोई अपने नेता के माध्यम से भोपाल और दिल्ली के चक्कर लगा रहा है।
संभावित दावेदारों में अधिकांश युवा
फिलहाल तो कोई भी अध्यक्ष पद की दावेदारी खुले रूप से नहीं कर रहा है, लेकिन बताया जाता है कि टीनू जैन समाज और संगठन में किए गए काम के बल पर अपनी दावेदारी दिल्ली और भोपाल में जता चुके हैं। फिलहाल वे प्रदेश में सहमीडिया प्रभारी हैं। वहीं प्रदीप नायर भी एक नाम सामने आ रहा है, जो अध्यक्ष बनने के लिए भोपाल के नेताओं के भरोसे हैं। इनके अलावा प्रकाश राठौर, जिनकी संगठन के कामकाज पर पकड़ है, भी अध्यक्ष के दावेदार हैं। यह भी हो सकता है कि पार्टी इंदौर में नया प्रयोग करते हुए किसी महिला नेता को अध्यक्ष बना सकती है। इसकी चर्चा भी है।
विधायकों से नाराजगी भी झेलना पड़ी
वैसे गौरव रणदिवे के कार्यकाल में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है, जिसके कारण उन्हें हटाया जाए, लेकिन अपने कार्यकाल के दूसरे दौर में उन्हें कई विधायकों की नाराजगी का शिकार होना पड़ा था और यही कारण बन सकता है कि उन्हें विधायकों से रायशुमारी के बाद अध्यक्ष का पद गंवाना पड़े।
तीन नेताओं की तिकड़ी की चर्चा
गौरव के अध्यक्ष बनने के बाद इंदौर की राजनीति में तीन नेताओं की तिकड़ी का जिक्र जरूर होता था। इनमें राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त सावन सोनकर और तत्कालीन आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा शामिल थे। तीनों ही नेता हर कार्यक्रम में साथ में पहुंचते थे। इसको देखकर भाजपा के नेता भी तरह-तरह की प्रतिक्रिया देने लगे थे।
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