नई दिल्ली। अखिल भारतीय फुटबाल संघ कप्तान सुनील छेत्री की अगुआई में अपनी शीर्ष टीम को एशियाई खेलों में भेजने को तैयार है, बशर्ते उसे खेल मंत्रालय की ओर से हरी झंडी मिल जाए। पिछली बार 2018 के जकार्ता खेलों में भारतीय फुटबाल टीम को भाग लेने की अनुमति नहीं मिली थी। भारतीय टीम इस समय एशिया में 18वें नंबर पर है।
खेल मंत्रालय के नियम के अनुसार टीम स्पर्धा में वहीं टीम भाग ले सकती है जो शीर्ष आठ में शामिल हो। भारतीय फुटबाल टीम ने हाल में सैफ चैंपियनशिप जीती है और वह फीफा रैंकिंग में सौ से कम पायदान पर आ गई है। मौजूदा टीम में अंडर-23 आयुवर्ग के सात खिलाड़ी हैं और तीन उम्रदराज खिलाड़ियों में सुनील छेत्री, गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू और रक्षक संदेश झींगन जा सकते हैं।
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ने पहले योजना बनाई थी कि राष्ट्रीय सीनियर टीम के मुख्य कोच इगोर स्टिमैक थाईलैंड में किंग्स कप (7 से 10 सितंबर) के बाद चीन के हांगझोऊ में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने वाले एशियाई खेलों में अंडर-23 टीम की देखरेख करेंगे। 2002 से लेकर अब तक एशियाई खेलों में फुटबॉल की अंडर-23 टीमें ही खेलती हैं और एक टीम में इससे ज्यादा उम्र के सिर्फ तीन खिलाड़ियों को खेलने की अनुमति दी जाती है।
एआईएफएफ महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा था, “इस साल भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद उत्साहजनक रहा है। अगर उन्हें एशियाई खेलों में खेलने का मौका मिलता है तो यह फुटबॉल के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन होगा, खासकर अंडर-23 लड़कों के लिए।”
IOA ने 2018 एशियाई खेलों के लिए भारतीय फुटबॉल टीम को इसी आधार पर मंजूरी देने से इनकार कर दिया था कि वह एशिया में शीर्ष-8 में स्थान पर नहीं थी। आईओए और एनएसएफ को भेजे गए खेल मंत्रालय के निर्देशों में एक प्रावधान है, जो कल्याण चौबे की अध्यक्षता वाले एआईएफएफ को आशा की किरण दे सकता है।
भारतीय ओलंपिक संघ और सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों को भेजे गए पत्र में खेल मंत्रालय ने कहा है, ”टीम स्पर्धाओं के लिए केवल उन्हीं खेलों को शामिल किया जाएगा जिन्होंने एशिया के भाग लेने वाले देशों के बीच पिछले एक साल में एक से आठवीं रैंकिंग तक हासिल की है।” रैंकिंग में भारत एशिया में टॉप-8 के आसपास भी नहीं है। टीम इंडिया मौजूदा समय में एशियाई फुटबॉल परिसंघ के तहत देशों में 18वें स्थान पर है।
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