नई दिल्ली (New Delhi) । एयरपोर्ट (airport) पर खाने-पीने की चीजें (food items) इतनी महंगी (expensive) मिलती हैं कि अक्सर लोगों के होश उड़ जाते हैं। यात्रियों को समझ नहीं आता कि आखिर जो समोसा, मैगी या चाय बाहर कम दाम पर मिल जाता है, उसके लिए हवाई अड्डे पर इतने ज्यादा पैसे क्यों देने पड़ते हैं? अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दिखाया गया कि मुंबई एयरपोर्ट पर एक डोसा खाने के लिए 600 रुपये देने होंगे। इसके कैप्शन में तंज कसते हुए लिखा गया कि मुंबई एयरपोर्ट पर मिलने वाले डोसा से सोना सस्ता है।
इससे पहले एक खबर वायरल हुई थी जिसमें बताया गया कि एयरपोर्ट पर मैगी के लिए 193 रुपये चुकाने पड़े। आप जानते हैं कि सामान्य जगहों पर एक प्लेट मैगी 30-40 रुपये में आराम से मिल जाती है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि हवाई अड्डे पर खाना इतना महंगा क्यों है और क्या हम इसकी शिकायत कर सकते हैं? चलिए बताते हैं…
आखिर किस आधार पर तय होते हैं दाम?
दरअसल, एयरपोर्ट के होटल या रेस्टोरेंट कुछ बातों के आधार पर अपने मेन्यू का रेट तय करते हैं। जैसे कि जहां पर आउटलेट है उस जगह की कॉमर्शियल वैल्यू कितनी है। क्या उस डिश को किसी प्रोफेशनल ने बनाया है। यह भी देखते हैं कि कहीं वो डिश उसकी सिग्नेचर डिश तो नहीं, जिसके लिए कस्टमर से ज्यादा चार्ज लिया जाएगा। खाद्य या पेय सामग्री को बनाने में किस तरह के इंग्रीडिएंट्स यूज हुए हैं और उनकी क्वालिटी क्या है। कुछ चीजें इम्पोर्टेड भी हो सकती हैं।
इसके अलावा, पैक्ड चीजों के लिए GST भी देनी पड़ती है। साथ ही होटल या रेस्टोरेंट की ओर से खाना परोसने और दूसरी सेवाओं के लिए सर्विस चार्ज लिया जाता है। हालांकि, सर्विस चार्ज देना अनिवार्य नहीं है। इन बातों से आप यह समझ सकते हैं कि एयरपोर्ट जैसी जगहों पर खाने-पीने की चीजों के रेट किस आधार पर तय होते हैं और महंगे हो जाते हैं।
क्या कंज्यूमर फोरम में कर सकते हैं शिकायत?
अगर आप एयरपोर्ट पर मिली किसी महंगी खाद्य वस्तु को लेकर शिकायत करना चाहते हैं तो कुछ बातें अहम हो जाती हैं। सामान खरीदने से पहले मेन्यू जरूर देख लें, जिस पर कीमत लिखी होती है। अगर आपका बिल सही है, प्रोडक्ट की क्विलिटी अच्छी है और सर्विस में कमी नहीं रही तो फिर कंज्यूमर फोरम में शिकायत नहीं कर पाएंगे। अगर आपकी मर्जी के बिना ज्यादा सर्विस चार्ज लिया गया हो। खाने-पीने की चीजों की क्वालिटी खराब हो। मेन्यू पर लिखी कीमत से अधिक बिल चुकाना पड़ा हो। ऐसी स्थिति में आप उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
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