प्योंगयांग। समय-समय पर अपने परमाणु हथियारों के दम पर दुनिया को धमकी देने वाला उत्तर कोरिया (North Korea) आज खाद्य संकट से जूझ रहा है। मामला इतना गंभीर हो गया है कि यहां लाखों लोगों को पिछले कुछ दिनों में खाना भी नसीब नहीं हुआ है। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong-un) ने पहली बार औपचारिक तौर पर इसे स्वीकार किया है कि उनका देश North Korea खाने की भारी कमी से जूझ रहा है।
एक बैकक के दौरान किम जोंग उन ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करते हुए कहा कि लोगों के खाने की स्थिति अब तनावपूर्ण होती जा रही है। कृषि क्षेत्र अनाज की पैदावार के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका है, क्योंकि पिछले साल आए तूफानों की वजह से बाढ़ आ गई। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसी कमी के कारण वहां अनाज के दाम आसमान छूने लगे हैं। उत्तर कोरियाई समाचार एजेंसी एनके न्यूज के मुताबिक, देश में केला तीन हजार रुपये प्रति किलो में बिक रहा है।
उत्तर कोरिया में भूखमरी का ये संकट कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी की वजह से उत्पन्न हुआ है, क्योंकि किम जोंग उन ने पड़ोसी देशों के साथ अपने देश की सीमाएं बंद कर दी। इस वजह से चीन (China) के साथ व्यापार कम हो गया।
उत्तर कोरिया खाने के सामान, खाद और ईंधन के लिए चीन पर निर्भर रहता है। दक्षिण कोरिया के एक सरकारी थिंक टैंक कोरियन डवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने पिछले महीने कहा था कि उत्तर कोरिया को इस साल करीब दस लाख टन अनाज की कमी का सामना करना पड़ सकता है और नतीजा यही रहा आज North Korea में खाद्य सामग्री की भारी किल्लत हो रही है।
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