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खाद्य पदार्थों में मिलावट का स्तर 7 साल में हुआ दोगुना, UP-झारखंड सबसे आगे

October 21, 2022

नई दिल्ली। देश में मिलावट का बाजार (adulteration market) व्यापारियों के लिए मुनाफे का जरिया बन गया है। एनएबीएल (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) की 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में कुल 1,06,459 खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच (testing of food samples) हुई। इनमें से 28.56 में मिलावट थी। साल 2012-13 में यह दर 15 थी। इस तरह सात वर्षों में मिलावट का स्तर दोगुना के करीब हो गया।

यूपी-झारखंड सबसे आगे
नेशनल एक्रेडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिबरेशन लैबोरेट्रीज (एनएबीएल) (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories -NABL)) की रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 में एकत्र किए गए सैंपल में सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य पदार्थ उत्तर प्रदेश में मिले थे। यूपी में मिलावटी खाद्य पदार्थ सैंपल की दर 52.3 फीसदी थी। इसी तरह झारखंड में यह दर 45.39 और तमिलनाडु में 41.68 फीसदी थी।


मिलावटी खाद्य पदार्थ से अंगों पर असर
किडनी: मिलावटी खाद्य पदार्थ रक्त के जरिए शरीर में जाता है तो किडनी उसे रक्त से अलग करने का काम करती है। हानिकारक तत्व किडनी के भीतरी हिस्से को क्षतिग्रस्त करता है।

मस्तिष्क: मिलावटी खाद्य पदार्थ से तत्काल सीधे मस्तिष्क को होने वाले नुकसान का पता नहीं चलता है। धीरे-धीरे व्यक्ति में इसके लक्षण चक्कर के रूप में आते हैं।

हृदय: शरीर में रक्त प्रवाह का काम हृदय का होता है। मिलावटी खाना खाने के कारण रक्त के जरिए दूषित तत्व हृदय तक पहुंचता है। हृदय के काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।

पेट: मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने से पेट और आंतों को नुकसान होता है। केमिकल और दूषित तत्व पेट के साथ आंतों की बाहरी और भीतरी दीवार को नुकसान पहुंचाने का काम करता है।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मिलावटी खाने का पहला असर हमारी पाचन क्रिया पर पड़ता है। मुंह से लेकर बड़ी आंत में जलन महसूस होती है, सूजन भी आ सकती है, रक्तस्राव हो सकता है। साथ ही, किडनी और लिवर में भी सूजन आ सकती है।-डॉ. जुगल किशोर, कम्युनिटी मेडिसिन विभाग प्रमुख, सफदरजंग अस्पताल

ऐसे करें खुद जांच
दूध: दूध की कुछ बूंद सतह पर डालें। दूध बह जाए और पीछे पानी जैसी लकीर बने तो दूध में पानी की मिलावट है।

दाल: एक चम्मच दाल में एक चम्मच पानी और कुछ बूंद हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालें। रंग मिला होने पर गुलाबी रंग निकलेगा।

घी: एक चम्मच घी में हाइड्रोक्लोरिक अम्ल या आयोडिन मिलाएं। रंग बदलने पर घी में मिलावट होने की पूरी संभावना है।

हल्दी: पांच बूंद पानी और पांच बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड की मिलाएं। अगर पाउडर में मिलावट होगी तो उसका रंग बैंगनी या गुलाबी हो जाएगा।

चीनी: दो चम्मच शक्कर को एक कप पानी में डालकर गर्म करें। यदि इसमें चाक पाउडर होगा तो नीचे दिखने लगेगा।

तेल: पांच एमएल खाद्य तेल में पांच एमएल नाइट्रिक अम्ल मिलाकर हिलाएं। तेल कर रंग हल्का भूरा होता है तो इसमें मिलावट है।

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