पिछले कुछ महीनों से बैंकिंग धोखाधड़ी तेजी से बढ़ी है। सबसे ज्यादा निशाना नेट बैंकिंग, फोन बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग इस्तेमाल करने वाले लोगों को बनाया जा रहा है। आजकल स्कैमर फ़िशिंग ईमेल, एसएमएस और फोन कॉल करके लोगों को ठग रहे हैं और उनके पैसे की चोरी कर रहे हैं। कभी-कभी ये ठग खुद को बैंक अधिकारी, आरबीआई अधिकारी, आयकर अधिकारी और सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को मूर्ख बनाते हैं।
आज-कल चोरी करने के नए तरीके को ईजाद करते हुए साइबर क्रिमिनल फर्जी बैंकिंग एप बना रहे हैं, जिससे यूजर्स डाउनलोड के वक़्त इस पशोपेश में रहते हैं कि आखिर कौन सा एप सही है कौन सा फेक और किसे डाउनलोड किया जाए। जब यूजर्स धोखे से ऐसे एप्स डाउनलोड कर लेते हैं तो साइबर क्रिमिनल नेट-बैंकिंग के जरिए उनके अकाउंट में सेंध लगाकर पैसे चुरा लेते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने हाल ही में एक जागरूकता वीडियो शेयर किया है जिसमें बताया गया है कि लोग ऐसे घोटालों से कैसे बचें। वीडियो का उद्देश्य ऑनलाइन धोखाधड़ी, फ़िशिंग कॉल और ईमेल इत्यादि के बारे में जागरूक करना है।
अगर आप चाहते हैं कि ऐसे घोटालों से बचा जाए तो एनपीसीआई के इन बातों का ध्यान रखें..
अपने डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड का कोई भी डिटेल शेयर न करें। खासकर ओटीपी, यूपीआई आईडी और पिन की जानकारी फोन पर किसी से न बताएं।
सिम स्वैप या सिम स्पूफिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए अपने बैंकिंग डिटेल की जानकारी किसी भी अंजान नंबर पर शेयर न करें।
बिना सत्यापित सोर्स को कभी भी पैसे न भेजें और कोशिश करें कि सुरक्षित गेटवे के जरिए भुगतान की जाए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कभी भी अपने लेन-देन की डिटेल, कार्ड डिटेल शेयर न करें।
क्योंकि वहां आसानी से इसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
यदि आपको अपने बैंक खाते के बारे में कोई अनधिकृत लेनदेन की जानकारी मिलती है तो आप तुरंत इसकी जानकारी बैंक को दें।
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