डेस्क। मानसून के मौसम में कई महिलाओं को प्राइवेट पार्ट में इचिंग और जलन की समस्या होती हैं. हालांकि ये लक्षण किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं है. इसका मतलब ये नहीं है कि इसे अनदेखा कर दिया जाएं. इचिंग की समस्या का कारण बैक्टीरिया, फंगल इंफेक्शन और एक्जिमा हो सकता है. साबुन और बॉडीवॉश लगाने की वजह से भी इचिंग और जलन की समस्या हो सकती है. इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना हो सकता है. हालांकि घरेलू उपाय का इस्तेमाल कर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
दही और शहद : दही में प्रीबायोटिक होते हैं जो प्राइवेट पार्ट में हो रही इचिंग और जलन को कम करने में मदद करता है. दही के साथ जब शहद मिल जाता है तो ये दो तरह से काम करता है. पहला शहद में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो दर्द से राहत दिलाता है. वहीं, दही में प्रीबॉयोटिक होते हैं जो इचिंग को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा बैक्टीरियां के असंतुलन को ठीक करने में मदद करता है ताकि आपको यीस्ट और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा नहीं हों. आप दही और शहद का मिश्रण बनाकर खा सकते हैं. इसके अलावा जल्दी परिणाम पाने के लिए इन दोनों चीजों को मिलाकर प्राइवेट पार्ट के ऊपरी हिस्से में लगाएं. इससे आपको जल्द आराम मिलेगा.
एप्पल साइडर विनेगर : एप्पल साइडर विनेगर किसी औषधी से कम नहीं है. शायद ही ऐसी कोई चीज है जिसका इलाज एसीवी से नहीं किया जा सकता है. इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं. एसीवी प्राइवेट पार्ट की इचिंग और जलन को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा पीएच को मेंटेन रखता है. आप एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइर विनेगर मिलाकर पी सकते हैं. आप चाहे तो नहाने के पानी में भी आधा कप मिला सकते हैं. लेकिन इसका सीधा इस्तेमाल न करें. क्योंकि इसका नेचर एसिडिक होता है जिसकी वजह से गंभीर जलन हो सकती है.
टी ट्री ऑयल : टी ट्री ऑयल में एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण होते हैं जो इचिंग और जलन को कम करने में मदद करता है. इसके लिए आपको टी ट्री ऑयल की 4 से 6 बूंदे लेकर प्राइवेट पार्ट के ऊपरी हिस्से में लगाना है और कुछ देर बाद धो लें. इन उपायों को करने से इचिंग और जलन से आराम मिल सकता है. अगर ऐसा नहीं होता है तो डॉक्टर की सलाह लें. इसके अलावा कुछ बातों का खास ध्यान रखें.
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