भोपाल। मल्लिकार्जुन खडग़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन 24 फरवरी से रायपुर में शुरू होने जा रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो कांग्रेस वर्किंग कमेटी में एमपी की भी लॉटरी लग सकती है। सीडब्ल्यूसी में पीसीसी चीफ कमलनाथ या पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की एंट्री हो सकती हैं। बता दें कि अभी मध्य प्रदेश से सीडब्ल्यूसी में कोई भी स्थाई सदस्य नहीं है। प्रदेश से इस समिति में सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अर्जुन सिंह, मोतीलाल बोरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया ही जगह पा सके थे। चुनावी साल के लिहाज से मप्र को फोकस किया जा सकता है। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह में से किसी एक की एंट्री हो सकती है।
चुनावी साल है लिहाजा चुनाव वाले राज्यों के इलेक्शन प्लान में कांग्रेस भी जुटी हैं। फरवरी का आखिरी हफ्ता पार्टी के लिए कई मायनों में अहम है। मल्लिकार्जुन खडग़े के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के पहले राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल होने वाले डेलीगेट्स के बीच तालमेल यदि ठीक रहा, तो वर्किंग कमेटी में मप्र की भी लॉटरी लग सकती है। सीडब्ल्यूसी में कमलनाथ या दिग्विजय सिंह की एंट्री हो सकती हैं।
पिछली सीडब्ल्यूसी में अरुण यादव थे विशेष आमंत्रित सदस्य
रायपुर अधिवेशन में देश भर से करीब 15 हजार कांग्रेस नेता पहुंचेंगे। मप्र से प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि और जिला कांग्रेस अध्यक्ष अधिवेशन में शामिल होंगे। मप्र के नेताओं ने अधिवेशन में शामिल होने रायपुर जाने को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। पिछली सीडब्ल्यूसी में ज्योतिरादित्य सिंधिया (अब भाजपा में) को स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में और अरुण यादव को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया था। क्या अरुण यादव को फिर से -कमेटी में शामिल किया जाएगा? इनके अलावा प्रदेश के किस नेता को सीडब्ल्यूसी में जगह मिलेगी, यह बड़ा सवाल है। पिछली बार सीडब्ल्यूसी का गठन जुलाई, 2018 में किया गया था, जिसे मल्लिकार्जुन खडग़े ने कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद भंग कर दिया था। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वर्किंग कमेटी चार अलग-अलग हिस्सों में विभाजित है- अध्यक्ष, सदस्य, स्थाई आमंत्रित सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य। सीडब्ल्यूसी में आधे सदस्यों का चुनाव के जरिए चयन किया जाता है, जबकि आधे सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष की ओर से नामित किए जाते हैं। पिछली सीडब्ल्यूसी के सदस्य के रूप में शामिल रहे मोतीलाल बोरा, शीला दीक्षित व चर्चा की थी। अहमद पटेल का निधन हो चुका है। गुलाम नबी आजाद भी पार्टी छोड़ चुके हैं। इन नेताओं के स्थान पर पार्टी के अन्य नेताओं को सीडब्ल्यूसी में शामिल किया जाएगा।
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