मंदिरों के बाहर लोगों से करते हैं छीना-झपटी, कई हिंसक घटनाएं भी सामने आई, महिलाओं के लिए भी अलग से बनेगा पुनर्वास केन्द्र
इंदौर। शहरभर में भिखारियों की समस्या कम होने की बजाय बढ़ गई है, वहीं मंदिरों के बाहर बैठने वाले भिखारियों (beggars) द्वारा आने वाले श्रद्धालुओं (devotees) के साथ छीना-झपटी करने, गंदगी फैलाने जैसी शिकायतें भी निगम को मिली है, जिसके चलते आयुक्त ने कल भिखारियों के रेस्क्यू अभियान (rescue operation) की समीक्षा की, जिसमें तय किया गया कि भिखारियों को पकडऩे और पुनर्वास केन्द्रों में भिजवाने के लिए फ्लाइंग स्क्वाट (flying squat) का गठन किया जाएगा, जिसमें होमगार्ड के जवानों की भी सेवाएं ली जाएगी।
अभी पिछले दिनों रणजीत हनुमान मंदिर का वीडियो वायरल (video viral) हुआ, जिसमें भिखारियों द्वारा लोगों के साथ अभद्रता, छीना-झपटी की जा रही है। दरअसल, कई भिखारी नशे के शिकारी हैं और हिंसक भी हो जाते हैं। खासकर जब उन्हें पकडक़र पुनर्वास केन्द्र ले जाया जाता है। आयुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने कल भिक्षुक पुनर्वास व कौशल उन्नयन की समीक्षा बैठक की, जिसमें अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, उपायुक्त नरेन्द्र शर्मा के अलावा भिखारियों के पुनर्वास में जुटी एनजीओ संस्था प्रवेश की प्रमुख श्रीमती रुपाली जैन व अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे। श्रीमती रुपाली जैन ने बताया कि इनमें अधिकांश भिखारी ऐसे हैं जो कोई काम-धंधा नहीं करना चाहते और भीख मांगकर ही उनका गुजर-बसर हो जाता है और नशे के शिकारी भी हैं और जब पकडऩे जाते हैं तो हिंसक होकर हमला भी करते हैं। इसके चलते निगमायुक्त ने फ्लाइंग स्क्वाट बनाने का निर्णय लिया, जिसमें चार महिलाओं-चार पुरुषों के साथ होमगार्ड के जवानों को भी शामिल किया जाएगा। महिला भिखारियों को रेस्क्यू करने के लिए महिला कर्मचारी और एनजीओ की भी महिला सदस्य शामिल रहेंगी और इनके लिए पिपल्याहाना स्थित रैन बसेरा में महिला भिक्षुक केन्द्र बनाया जाएगा।
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