बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में eye flu बेकाबू हो चुका है. बिलासपुर में पिछले 12 घंटे के भीतर ही 500 से ज्यादा मरीज मिले हैं. लगातार फैल रहे संक्रमण को देखते हुए एक्सपर्ट ने मानसून में बच्चों का खास ध्यान रखने की सलाह दी है. यह बीमारी छूने से भी फैल रही है. ऐसे में बच्चों में इंफेक्शन होने पर उन्हें स्कूल और सार्वजनिक जगहों पर जाने से रोकें. साथ ही एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं.
मंगलवार की सुबह से शाम तक बिलासपुर के सरकारी अस्पतालों में आई फ्लू के 500 से ज्यादा मरीज पहुंचे हैं. जिन्हें आंख में तकलीफ के साथ वायरल की शिकायत थी. निजी अस्पतालों में भी लगातार मरीज बढ़ रहे हैं. बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ संक्रमित हो चुके लोगों को घर में रहने की सलाह दी है, जिससे संक्रमण की चेन को तोड़ते हुए इसे नियंत्रण में लाया जा सके.
डॉ. का कहना है कि बरसात का मौसम कई बीमारियां लेकर आता है. वायरल इंफेक्शन के साथ ही तरह-तरह के वायरस सक्रिय होते हैं. इस बार बच्चों के साथ ही बड़ों में आई फ्लू की समस्या आ रही है. इसमें ज्यादातर वायरस से होने वाली बीमारी है, जिसमें शरीर और हाथ- पैर में दर्द, आंख में दर्द, खुजली, चुभन और आंख का लाल हो जाना प्रमुख लक्षण है. यह तेजी से फैलने वाला संक्रमण है. ऐसे में किसी भी जगह को छूने और तौलिए का उपयोग करने से वायरस फैलता है. इसी तरह छींकने और खांसने से भी वायरस फैल रहा है.
संक्रमित बच्चों को स्कूल न भेजें. बच्चे या परिवार में किसी भी सदस्य में संक्रमण फैलने पर उन्हें दूर रखें. उनके उपयोग की वस्तुओं को भी दूर रखें. संक्रमण होने पर डॉक्टर को दिखाएं. अपनी मर्जी या मेडिकल स्टोर से दवाई लेकर उपयोग न करें. अभिभावक इस बात का ध्यान रखें कि अगर बच्चों में आई फ्लू है तो उन्हें स्कूल न भेजें, इससे दूसरों बच्चों में संक्रमण फैलने का खतरा है.
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