प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा (Ganga) और यमुना (Yamuna) दोनों ही नदियों में आई बाढ़ (Flood) से गांव से लेकर शहर तक में हाहाकार मचा हुआ है. रविवार रात को ही गंगा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान 84.734 मीटर को पार कर गई थीं. अभी भी गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है. बाढ़ के चलते कछारी और निचले इलाकों में बने हजारों मकान बाढ़ के पानी में समा गए हैं. बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोग अपनी घरों की पहली और दूसरी मंजिल पर शरण लिए हुए हैं. सबसे ज्यादा परेशानी छोटा बघाड़ा और सलोरी इलाके में रहने वाले प्रतियोगी छात्रों को हो रही है. इस इलाके में ज्यादातर मकान पानी में डूब गए हैं, जिससे यहां रहने वाले छात्रों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.
इन दिनों माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड समेत कई दूसरी प्रतियोगी परीक्षायें भी चल रही है, लेकिन प्रशासन की ओर से इन छात्रों के लिए कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं, बल्कि उन्हें घर जाने के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, बाढ़ के चलते अपने कमरों में फंसे प्रतियोगी छात्रों को निकालने के लिए एनडीआरएफ (NDRF) की टीमें वाराणसी से प्रयागराज पहुंच गई हैं. प्रयागराज (Prayagraj) में छोटा बघाड़ा और सलोरी इलाके में फंसे छात्रों को एनडीआरएफ (NDRF) की टीम लगातार रेस्क्यू कर रही है. छोटा बघाड़ा में सोमवार को एनडीआरएफ (NDRF) की टीम ने कई मकानों में ग्राउंड फ्लोर पर 5 फीट तक पानी भर जाने के बाद प्रतियोगी छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला है. एनडीआरएफ की मदद से बाहर निकाले गए छात्रों ने जहां शासन और प्रशासन द्वारा दी जा रही मदद की सराहना की है, वहीं कोई इंतजाम न किए जाने पर अफसोस भी जताया है.
राहत बचाव में जुटी NDRF
गौरतलब है कि प्रयागराज में ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही शहर के दारागंज, नेवादा, बेली कछार, छोटा बघाड़ा और सलोरी में अब तक हजारों घरों में पानी घुस चुका है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए पीएसी, जल पुलिस और एसडीआरएफ के बाद अब एनडीआरएफ को भी बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है. एनडीआरएफ के कमांडर दिनकर त्रिपाठी के नेतृत्व में टीम लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों में पेट्रोलिंग कर रही है और फंसे लोगों को रेस्क्यू भी कर रही है.
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