प्रयागराज (Prayagraj)। संगम नगरी प्रयागराज (Sangam city Prayagraj) में गंगा यमुना (Ganga Yamuna) का जलस्तर जहां तेज़ी (water level of rises rapidly) से बढ़ता जा रहा है, वहीं बाढ़ के चलते अब लोगों को परेशानी भी उठानी पड़ रही है. आलम ये है कि लोगों को सड़कों पर अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है. ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली दारागंज इलाके की, जहां अंतिम संस्कार की जगह पर बाढ़ का पानी (flood water) भर गया है. इसके चलते सड़कों पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है. लोग लाइन से शवों का अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
दरअसल, दारागंज में अंतिम संस्कार करने वाली जगह का इलाका संगम क्षेत्र का है. गंगा और यमुना में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है. हर तरफ पानी ही पानी नज़र आ रहा है. बाढ़ के चलते पंडो तीर्थ पुरोहितों और वहां रहने वाले लोगों के झोपड़ीयां भी पानी मे समा गई हैं. संगम क्षेत्र में दुकानें पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं. लोग किसी तरह अपना सामान सुरक्षित निकालकर ऊंचे इलाकों में जा रहे हैं. नागवासुकि जाने वाली सड़क में भी पानी भर गया है. और संगम के लेटे हनुमान मंदिर में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है, जिस कारण लोग बाहर से ही दर्शन कर रहे हैं।
बाढ़ के चलते अब लोगों को समस्याएं भी होने लगी हैं. दारागंज इलाके में बाढ़ का पानी भरने से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है और लोग सड़क पर ही शवों का संस्कार करने को मजबूर हैं. अब जैसे-जैसे दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ेगा वैसे वैसे निचले इलाकों में रहने वालों की समस्याएं और बढ़ेंगी. प्रशासन भी बाढ़ को लेकर अलर्ट हो गया है और लोगों से निचले इलाके छोड़ने को कह रहा है।
लेटे हनुमान मंदिर में घुसा गंगा का पानी
गंगा का पानी संगम किनारे स्थापित लेटे हनुमान मंदिर के अंदर प्रतिमा तक पहुंच गया है. बुधवार को सुबह जैसे ही मां गंगा का आगमन हुआ तो घंट घड़ियाल बजाए गए. आरती की गई और मां गंगा आवाहन कर उनका स्वागत किया गया. मान्यताओं के मुताबिक़ जिस साल गंगा का पानी मंदिर में हनुमान जी को नहला देता है, उस साल देश, प्रदेश और शहर में कोई प्राकृतिक आपदा नहीं आती और हर तरफ शांति रहती है. मंदिर में गंगा का पानी आने के बाद साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ और मनत्रोच्चार किया और जयकारे लगाए. धीरे धीरे गंगा का पानी लेटे सीढ़ियों से आकर हनुमान जी को स्पर्श करने लगा और कुछ ही देर में पूरी मूर्ति डूब गई।
दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर
बता दें कि पौराणिक महत्व वाला यह दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां हनुमान जी लेटे हुए हैं और इसी विश्राम की मुद्रा में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं. अभी भी संगम नगरी में गंगा यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है. यहां के लोगों को हर साल गंगा में इतनी बाढ़ का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं, जितने में गंगा का पानी हनुमान मंदिर के अंदर प्रवेश करे और बजरंग बली का गंगा जल से अभिषेक हो सके. मंदिर के कपाट अब बंद कर दिए गए हैं. यहां जब तक गंगा का पानी रहेगा, तब तक मंदिर बंद रहेगा. पानी घटने के बाद पूजा अर्चना कर भक्तों के लिए मंदिर फिर से खोल दिया जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved