नई दिल्ली (New Delhi)। सावन माह (sawan month) में कहीं बाढ़ (Somewhere possibility flood) तो कहीं सूखे की आशंका (somewhere possibility drought) है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) और मॉनसूनी हवाओं (Monsoon winds) के कारण पिछले सप्ताह उत्तर भारत में भारी बारिश हुई है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और उत्तराखंड (Uttarakhand) में बादल फटने और भूस्खलन से जहां हालात गंभीर हैं, वहीं पंजाब और हरियाणा में बाढ़ जैसे हालात हैं। उधर, बिहार, झारखंड और पूर्वी यूपी में सूखे के आसार हैं। दक्षिण भारत में कम बारिश से किसान परेशान हैं।
देश के 8 राज्य बारिश से बेहाल हैं। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश और पहाड़ों के दरकने से कई मार्ग बंद हैं। वहीं पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति है। राजस्थान, गुजराज और तमिलनाडु में भी अधिक बारिश से कई स्थानों पर विकट हालात पैदा हो गए हैं। आईएमडी के वैज्ञानिकों ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवा के संयोजन के कारण उत्तर में भारी बारिश हुई। अब यह पूर्व की ओर बढ़ गया है और आने वाले दिनों में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में बारिश होगी। वहीं, बंगाल की खाड़ी में दबाव बनने के साथ कुछ दिनों में दक्षिणी भारत में भी बारिश फिर शुरू होगी।
10 राज्यों में कम बरसे बादल
देश में 10 ऐसे राज्य हैं, जहां कमजोर मॉनसून के कारण सामान्य से कम बारिश हुई है। पूर्वी राज्य बिहार में 33 फीसदी, झारखंड में 43 फीसदी और ओडिशा में 26 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। असम को छोड़कर पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में मॉनसून के बादल कम बरसे। दक्षिण के राज्य केरल और तेलंगाना में भी कम बारिश हुई है।
हिमाचल प्रदेश : कसोल में फंसे दो हजार पर्यटकों को निकाला
हिमाचल में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण राज्य के करीब 1300 मार्ग बंद होने के कारण अभी भी 10 हजार से ज्यादा पर्यटक अलग-अलग स्थानों में फंसे हुए हैं। दूर-दराज के दुर्गम क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए सरकार ने 6 हेलीकॉप्टर लगाए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कुल्लू जिले के कसोल में फंसे करीब दो हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। वहीं, लाहौल में फंसे 300 पर्यटक वाहन अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो चुके हैं।
मनाली में नेटवर्क कनेक्टिविटी बहाल कर दी गई है। कुल्लू-मनाली मार्ग मंगलवार शाम को खोल दिया गया। मंगलवार रात शिमला-किन्नौर मार्ग पर एक वाहन के सतलुज नदी में गिरने से एक ही परिवार के चार सदस्य लापता हो गए। कुल्लू को सफलतापूर्वक पार करने वाले 2200 से ज्यादा वाहनों में सवार लोगों को रामशिला चौक पर खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है। भाखड़ा बांध से गुरुवार सुबह 10 बजे को सतलुज नदी में 16,000 क्यूसेक अतिरिक्त पानी छोड़ा जाएगा। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद बांध में जल स्तर बढ़ गया है।
उत्तराखंड : चारधाम यात्रा रुकी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लगातार भारी बारिश के कारण बुधवार को चारधाम यात्रा रोक दी गई है। केदानाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के मार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन से अवरुद्ध हो गए हैं। केदारनाथ यात्रा को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में रोका गया है। बारिश के कारण मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां उफान पर हैं। चार राज्य मार्ग और 10 संपर्क मार्ग मलबा आने से बंद हैं। वहीं, गंगोत्री नेशनल हाईवे पर गंगनानी के पास मलबा गिरने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। वहीं, चीन सीमा को जोड़ने वाली एकमात्र निर्माणाधीन सड़क मुनस्यारी-मिलम में आवाजाही सुचारू हो गई है। 17 दिन बाद सड़क खुलने से माइग्रेशन पर गए लोगों के साथ ही पर्यटकों ने भी राहत सांस ली है। आवाजाही सुचारू होने के बाद तहसील मुख्यालय में फंसे ग्रामीणों ने माइग्रेशन गांवों का रुख करना शुरू कर दिया है।
उत्तर प्रदेश: बांध से पानी छोड़े जाने के बाद बाढ़ का खतरा
उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान अनेक स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश हुई। इस दौरान एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी) में सबसे ज्यादा 26 सेंटीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान राज्य के 58 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। राज्य में आगामी 18 जुलाई तक कई स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है। हथिनी कुंड बैराज से लगभग 1.90 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कई जिले प्रभावित हैं। इनमें बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। शामली, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा प्रशासन को बाढ़ से निपटने के लिए तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, फिरोजबाद और इटावा में बाढ़ की स्थिति नहीं है। सहारनपुर पहले से ही बाढ़ से प्रभावित है और लगभग 2000 लोग बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं। शामली के पांच गांव बाढ़ प्रभावित हैं।
भारी बारिश से वेस्ट यूपी की नदियां उफान पर
लगातार हो रही भारी बारिश से गंगा, यमुना समेत वेस्ट यूपी की अधिकतर नदियों में पानी उफान पर हैं। नदियों के किनारे के क्षेत्रों में अधिकतर जगहों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं। हथनीकुंड़ बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद जहां यमुना के जलस्तर ने करीब 45 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। यमुना का जलस्तर वर्ष 1978 के बाद पहली बार खतरे के निशान से ढाई मीटर ऊपर पहुंच गया। वहीं गंगा भी दिन भर खतरे के निशान को पार कर बहती रही। सहारनपुर, कैराना, बागपत में भी कई जगहों पर बाढ़ में फंसे लोगों को बचाव दलों ने बाहर निकाला।
बिजनौर बैराज से मंगलवार को डिस्चार्ज हुए लगभग दो लाख क्यूसेक पानी ने खादर क्षेत्र में परेशानी बढ़ानी शुरू कर दी है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से मेरठ में हस्तिनापुर खादर के 9 गांव में भी बाढ़ का पानी घुस गया। गंगा ने दिन के समय 220 मीटर पर खतरे का निशान को पार किया तो प्रशासन की चिंता बढ़ गई। बिजनौर में अफसरों ने गंगा किनारे के गांवों में मुनादी कराई और लोगों को सचेत किया। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। हापुड़ में भी गंगा किनारे के क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है।
गंगा, रामगंगा और कोसी में आया उफान
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में जारी लगातार बारिश से मुरादाबाद मंडल के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। गंगा, रामगंगा और कोसी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके चलते गंगा खादर और गुन्नौर तहसील क्षेत्र के 22 गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। वहीं, रेलवे ट्रैक पर पानी आने के कारण बुधवार को भी दर्जन भर ट्रेनें रद की गईं या रास्ते में ही रोकना पड़ा।
बिहार: सामान्य से 33 फीसदी कम बारिश
पटना, मुख्य संवादददाता। सूबे में कुछ जिलों को छोड़कर शेष में गर्मी और उमस की स्थिति बनी है। अब तक 33 फीसदी कम बारिश हुई है। सूबे में बारिश की कमी से किसान परेशान हैं। हालांकि शुक्रवार तक कुछ जिलों में छिटपुट बारिश का पूर्वानुमान है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने बुधवार को गुरुवार दोपहर तक के लिए सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर और कटिहार में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं अररिया, सुपौल, मधुबनी व पूर्णिया में अतिभारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। किशनगंज में गुरुवार सुबह तक अत्यन्त भारी बारिश का रेड अलर्ट है। जबकि पटना समेत बिहार के शेष जिलों में आंशिक बादल छाए रहने के साथ कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन, बिजली चमकने व हल्की वर्षा के आसार हैं।
झारखंड में कमजोर मॉनसून
राजधानी समेत झारखंड में मॉनसून कमजोर रहा। मौसम विभाग के अनुसार राज्य में गुरुवार से मॉनसून की सक्रियता कुछ बढ़ेगी। इससे पूर्वोत्तर इलाकों समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश होगी। पूर्वोत्तर के संताल परगना में कही-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है। विभाग के अनुसार 16 जुलाई से पूरे राज्य में अच्छी बारिश होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में महज 3.7 मिमी औसत वर्षा हुई, जबकि आमतौर पर सामान्य वर्षापात का औसत 10.7 मिमी निर्धारित है। उत्तर के मुकाबले दक्षिणी झारखंड में काफी कम वर्षा हुई। सबसे अधिक बारिश संताल परगना स्थित राजमहल में हुई। यहां पिछले 24 घंटों में 70.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग, रांची के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में दो सिस्टम बनने की प्रक्रिया में है। इससे आनेवाले दिनों में अच्छी बारिश होने की संभावना बनी है।
पंजाब: सेना ने दो सौ लोगों को निकाला
सेना और एनडीआरएफ की टीमों ने बुधवार को पंजाब के सुल्तानपुर लोधी शहर में बाढ़ प्रभावित मांड इलाकों से 200 से अधिक लोगों को निकाला। बचाए गए 223 लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित कर दिया है। कपूरथला के उपायुक्त करनैल सिंह ने कहा कि जवानों ने विभिन्न इलाकों से 30 अन्य लोगों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। वहीं, फरीदकोट जिले के कोटकपुरा में बुधवार को घर की छत गिरने से 30 वर्षीय दंपति और उनके चार वर्षीय बेटे की मौत हो गई। राज्य में बारिश से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। पंजाब में बारिश से पटियाला, रूपनगर, जालंधर, मोहाली और एसबीएस नगर सर्वाधिक प्रभावित हैं। उधर, बारिश के कारण अमृतसर-टाटानगर जलियांवाला बाग एक्सप्रेस ट्रेन का परिचालन बुधवार को रद्द हो गया। जबकि जम्मू-टाटानगर एक्सप्रेस को उत्तर प्रदेश स्थित खुर्जा स्टेशन से चलाने का आदेश हुआ है। इसके अलावा अन्य ट्रेनें भी प्रभावित हुई हैं।
हरियाणा : करंट से व्यक्ति की मौत, तीन शव बहते मिले
अंबाला हरियाणा राज्य में वर्षा से सबसे अधिक प्रभावित जिला है। बुधवार को अंबाला छावनी की जलमग्न शालीमार कॉलोनी में एक व्यक्ति की करंट लगने से मौत हो गई। जबकि तीन शव पानी में बहते हुए पाए गए। उनमें दो की पहचान कर ली गई है। सरकारी आंकड़े के अनुसार वर्षाजनित घटनाओं से हरियाणा में 7 लोगों की जान गई है। हरियाणा में भारी बारिश से अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र अधिक प्रभावित हैं।
अधिक वर्षा वाले राज्य :
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु।
कम बरसात वाले राज्य :
बिहार, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved