भोपाल। ग्वालियर-चंबल अंचल (Gwalior-Chambal Zone) में मंगलवार रात से शुरू हुई रिमझिम बारिश बुधवार सुबह तेज व मूसलाधार बारिश (torrential rain) में बदल गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे इसी तरह तेज बारिश की संभावना जताई है। बुधवार सुबह तिघरा के सात गेट ढाई फीट तक खोले गए हैं, जिससे तिघरा के प्रभावित क्षेत्र ग्वालियर और मुरैना के कुछ गांव में अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही रमौआ बांध में लगातार जलस्तर बढ़ने पर मुरार नदी में पानी छोड़े जाने के बाद निचली बस्तियों में रहने वाले एक बार फिर संकट में आ गए हैं। लगातार तेज बारिश के चलते कलेक्टर ग्वालियर रुचिका चौहान ने आठवीं तक स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी है। जिला शिक्षा अधिकारी ने हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी की त्रैमासिक परीक्षा आज स्थगित कर दी है।
ग्वालियर-चंबल अंचल में एक बार फिर बारिश शुरू हो गई है। बंगाल की खाड़ी में बने स्ट्रॉन्ग सिस्टम ने जमकर बारिश कराई है। ग्वालियर-चंबल अंचल पर इस साल मानसून मेहरबान है। जून, जुलाई व अगस्त के बाद सितंबर में भी आसमान में बादल मंडरा रहे हैं और अच्छी बारिश करा रहे हैं। पिछले 50 साल के इतिहास में सितंबर में ऐसी जोरदार मानसूनी बारिश नहीं हुई है। यही कारण है कि इस मानसून में अब तक 1135.8 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है। मंगलवार दिन और रात में 90.8 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है। बुधवार सुबह से बारिश जारी है। पिछले सप्ताह भी सितंबर के तीन दिन 10, 11 व 13 सितंबर को जिले में सवा दो सौ मिलीमीटर बारिश ने कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
ग्वालियर में बुधवार सुबह से तेज बारिश के चलते लोग बेहाल हैं। ग्वालियर के बेहट व रतनगढ़ के बीच रपटा पर पानी पुल से ऊपर बह रहा है, जिस कारण बेहट से रतनगढ़ माता मंदिर जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि इस रास्ते से रतनगढ़ मंदिर न जाएं। ग्वालियर में बुधवार सबह-सुबह 9:15 बजे तिघरा बांध के सात गेट को 2.5 फीट तक खोलकर लगभग 12,500 क्यूसेक जल की निकासी की गई है, जिससे सांक नदी में उफान आ गया है।
सांक नदी के किनारे बसे हुए गांव के लोगों को सतर्क रहने व नदी किनारे न जाने के लिए चेतावन दी है। तिघरा से पानी छोड़ने के कारण ग्वालियर के ग्वालियर के प्रभावित क्षेत्र ग्राम तिघरा, ग्राम कैथा, ग्राम तालपुरा, ग्राम महिदपुर, ग्राम पृथ्वीपुर, ग्राम कुलैथ, ग्राम अगरा भटपुरा, ग्राम दुगनावली व ग्राम तिलघना में तिघरा से पानी छोड़े जाने के बाद अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही मुरैना के प्रभावित क्षेत्र ग्राम पहाड़ी, ग्राम जखौदा व ग्राम बामोर में तिघरा से छोड़ा गया पानी संकट बन सकता है। यहां स्थानीय प्रशासन व पुलिस ने अलर्ट जारी किया है।
एक बार फिर ग्वालियर-चंबल अंचल में बाढ़ जैसे हालात होने लगी है। पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश होने के कारण घरों में पानी घुस चुका है। रात भर से लगातार हो रही बारिश के चलते पिछोर थाना क्षेत्र के ग्राम अजयगढ़ में एक कच्चा मकान गिर गया। इस हादसे में दो महिलाएं और दो बच्चे दब गए। आसपास के ग्रामीण ने लोगों को बाहर निकाला और उसके बाद गंभीर अवस्था में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।
बता दें पिछले 24 घंटे से लगातार बारिश होने के करण पिछोर थाना क्षेत्र के अजयगढ़ में एक कच्चा मकान गिर गया। इस दौरान मकान के अंदर मौजूद जय देवी, फुल देवी, वीरू और भूमि दब गई। वहां पर मौके पर मौजूद आसपास के ग्रामीणों ने देखा तो वह दौड़कर मौके पर पहुंचे और तत्काल उन्हें बाहर निकाला। इसके बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया जो मकान गिरा है, वह लखन कुशवाहा का है। बताया जा रहा है कि पानी की वजह से पटिया टूटने के कारण यह हादसा हुआ है।
वहीं, एसडीओपी विवेक सर्वानी फोन पर बताया है कि लगातार बारिश हो रही है। इस वजह से यह कच्चा मकान गिर गया, जिसमें महिलाएं और बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका इलाज अस्पताल में जारी है, यह सभी अभी खतरे से बाहर है। यह मकान गिरा है, वह कच्चा है और यही कारण है कि लगातार हो रही बारिश के कारण मकान की नीचे की मिट्टी धसक गई और यह हादसा हो गया।
गौरतलब है कि ग्वालियर चंबल अंचल में मंगलवार रात से लगातार भारी जारी है। यही वजह है की बाढ़ और बारिश के कारण दर्जन भर कालोनियों में मकान तक पानी घुस चुका है। वहीं, अंचल की सभी चंबल सिंह पार्वती नदियां तूफान पर हैं। इस कारण प्रशासन ने आसपास के गांव में भी अलर्ट जारी कर दिया है। वहीं, तिघरा बांध के भी सातों गेट आज खोल दिए गए हैं, जिसके कारण आसपास के इलाकों में मुनादी की गई है। वहीं, प्रशासन ने सभी गांव में अलर्ट जारी कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए कहा है।
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