गुवाहाटी। असम (Flood in Assam) में ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra), बराक (Barak) एवं उनकी सहायक नदियों में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही. राज्य में इस प्राकृतिक आपदा (natural calamity) के कारण अबतक 82 लोगों की जान (82 lives) जा चुकी है एवं करीब 45 लाख लोग प्रभावित (About 45 lakh people affected) हुए हैं. इस बीच, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा (Dalai Lama) ने असम के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए बाढ़ प्रभावितों के वास्ते दान देने का ऐलान किया है. उन्होंने इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
पिछले 24 घंटे में असम में बाढ़ की वजह से 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि सात व्यक्ति लापता बताये जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, भुवनेश्वर से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के कर्मी बचाव अभियान में मदद के लिए असम भेजे गये हैं. बराक घाटी में करीमगंज और कचार जिलों में बराक एवं कुशियारा नदियों का जलस्तर बढ़ते जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है।
एनडीआरएफ की चार युनिट भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गई
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि एनडीआरएफ की चार इकाइयां बचाव अभियान में मदद के लिए भुवनेश्वर से सिलचर भेजी गई हैं. उन्होंने कहा, “एनडीआरएफ की चार इकाइयां यानी कुल 105 कर्मी बराक घाटी में बचाव अभियान चलाने के लिए सिलचर भेजे गये हैं.” उन्होंने इस ‘त्वरित मदद ’ के लिए गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया. कचार में 2,07,143 और करीमगंज में 1,33,865 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. राज्य में 36 में से 32 जिलों में करीब 48 लाख लोग बाढ की इस दूसरी लहर से बेहाल हैं।
बारपेटा, दारांग और बालाजी सबसे अधिक प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार सबसे अधिक प्रभावित जिलों में बारपेटा (जनसंख्या 12,30,721), दारांग (4,69,241), बालाजी (3,38515,) शामिल हैं. लगातार बारिश के कारण आई बाढ़ से 125 राजस्व मंडल और 5,424 गांव प्रभावित हुए हैं, जबकि 2,31,819 लोगों ने 810 राहत शिविरों में शरण ली है. राहत कार्य में लगी एजेंसियों ने पिछले 24 घंटे में 11,292 लोगों एवं 27,086 मवेशियों को बाढ़ वाले क्षेत्रों से बाहर निकाला।
कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, नगांव जिले के कामपुर में कोपिली नदी और निमाटिघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, ग्वालपाड़ा और धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी तथा पुथिमारी, पागलडिया, बेकी, बराक, कुशियारा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बारपेटा, कचार, दारांग, ग्वालपाड़ा, कामरूप (मेट्रो) और करीमगंज के शहरी इलाकों में भी बाढ़ की खबर है तथा कामरूप एवं करीमगंज में दिन में भूस्खलन हुआ।
5000 से अधिक जानवर पानी के तेज बहाव में बहे
कुल 1,13,485.37 हेक्टयर क्षेत्र में लगी फसल एवं 33,84,326 जानवरों पर बाढ़ का असर पड़ा है तथा 5,232 जानवर पानी के तेज बहाव में बह गये. दो तटबंध टूट गये तथा 349 सड़कें एवं 16 पुल क्षतिग्रस्त हो गये. इस बीच पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द कर दी हैं या कई को गंतव्य से पहले ही समाप्त कर दिया एवं कई के मार्ग बदल दिये।
दलाईलामा ने बढ़ाए मदद के लिए हाथ
उधर धर्मशाला से प्राप्त समाचार के अनुसार दलाईलामा ने कहा, “असम के लोगों के साथ एकजुटता के तौर पर मैं गार्डन फोदरांग ट्रस्ट ऑफ दलाईलामा से राहत एवं बचाव के प्रयासों के लिए दान कर रहा हूं.” उन्होंने इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।
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