16 जून को किया था उद्घाटन, तेजस्वी ने साधा निशाना
छपरा। बिहार के छपरा से सटे गोपालगंज में 264 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट महासेतु पानी के दबाव से ताश के पत्तों की तरह बिखर गया है। इस महासेतु के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। इस पुल पर आवागमन पूरी तरह बाधित है। 16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था। गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों से इस महासेतु को जोड़ने का अतिमहत्वकांक्षी पुल था। जिसके निर्माण में करीब 264 करोड की लागत आई थी। गोपालगंज में तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया। जिसकी वजह से आवागमन बाधित हो गया है। गोपालगंज के बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में यह पुल टूटा है। इस महासेतु का निर्माण पुल निर्माण विभाग की ओर से कराया गया था। 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया और 16 जून, 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया। पुल निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच की मांग उठने लगी है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसको लेकर नीतीश सरकार को घेरा है। आरजेडी नेता ने ट्वीट में कहा, ‘263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।’
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