इंदौर। इंदौर (Indore) के देवी अहिल्याबाई होलकर विमानतल (airport) पर चल रहा रन-वे की मरम्मत का काम उड़ानों और यात्रियों (Passengers) के लिहाज से बुरा साबित हो रहा है। रन-वे री-कारपेटिंग (runway re-carpeting) के लिए 1 अप्रैल से एयरपोर्ट को रात 10.30 बजे से सुबह 6.30 बजे के बीच बंद रखा जा रहा है। इन 8 घंटों में किसी भी उड़ान को उडऩे या उतरने की अनुमति नहीं है, जिसके कारण इंदौर से संचालित होने वाली उड़ानों की संख्या कम हो गई है।
रन-वे की मरम्मत के लिए 1 नवंबर से ही एयरपोर्ट को रात 12 से सुबह 6 के बीच बंद रखा जा रहा है, जबकि यह काम 15 फरवरी से शुरू किया गया है। वहीं इस काम को जल्दी पूरा करने के लिए एयरपोर्ट प्रबंधन ने 1 अप्रैल से एयरपोर्ट को 6 के बजाय 8 घंटे बंद रखने का निर्णय लिया था, जिसके बाद अब एयरपोर्ट रात 10.30 बजे से सुबह 6.30 बजे के बीच बंद रहता है। पहले से एयरपोर्ट के 6 घंटे बंद रहने के बावजूद फरवरी और मार्च में कई बार इंदौर से संचालित होने वाली उड़ानों की संख्या 100 तक पहुंची थी, लेकिन 1 अप्रैल से 8 घंटे उड़ानों का संचालन बंद होने से उड़ानों की संख्या में कमी आई है और अब रोजाना औसत 90 से 94 उड़ानें ही संचालित हो रही हैं। उड़ानों के कम होने से यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अब भी अकसर लेट होने पर 10.30 के बाद आ-जा रही उड़ानें
अधिकारियों ने बताया कि एयरपोर्ट पर किसी भी एयरलाइंस को रात 10.30 से सुबह 6.30 के बीच उड़ानों का संचालन करने के लिए अनुमति नहीं दी गई है, लेकिन अकसर उड़ानों के लेट हो जाने पर यह 10.30 के बाद भी आ और जा रही हैं। इसके चलते अकसर रात 12 बजे तक उड़ानों का संचालन देखा जा सकता है। विशेषज्ञों ने बताया कि अगर उड़ानों के लेट होने पर एयरपोर्ट रात 12 बजे तक खुला रहता है तो इसे शेड्यूल में ही शामिल करते नियमित उड़ानों को भी इस दौरान आने और जाने की अनुमति दी जा सकती है, जिससे उड़ानों की संख्या बढ़ सके।
एक साल तक चलेगा काम, करीब 25 करोड़ होंगे खर्च
इंदौर एयरपोर्ट के रन-वे की री-कारपेटिंग या री-सरफेसिंग के इस काम को करने में एक साल का समय लगेगा और करीब 25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस काम को चंद्रपुर की श्रीसांई कंस्ट्रक्शन कंपनी को नवंबर में दिया गया था। जनवरी से ही काम शुरू होना था, लेकिन ठंड के दौरान इंदौर एयरपोर्ट को खराब मौसम में उड़ानों के डायवर्ट होने के लिए रिजर्व किए जाने के कारण फरवरी से यह काम शुरू किया गया है। देरी से काम शुरू होने के कारण ही इसे समय पर पूरा करने के लिए रात को 6 के बजाय 8 घंटे काम किया जा रहा है। इस दौरान रन-वे पर बिछी डामर की परत को उखाडक़र नई परत बिछाई जाएगी, जो करीब 8 इंच मोटी होगी। इस काम के पूरा होने तक रोजाना 8 घंटे एयरपोर्ट बंद ही रहेगा।
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