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    देश में आने वाली है फ्लेक्स फ्यूल से चलने वाली कार, जानिए फायदा?

  • September 15, 2022

    नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने पिछले साल ऐलान किया था कि कार निर्माताओं के लिए वाहनों में फ्लेक्स-फ्यूल (flex fuel) इंजन लगाना अनिवार्य होगा और कंपनियों ने भी इस पर काम करना शुरू कर दिया था। अब वह भी इंतजार खत्‍म हो गया कि जल्‍द ही आने वाले दिनों में फ्लेक्स फ्यूल वाली कार लांच हो जाएगी।

    आपको बता दें कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari)  ने घोषणा की है कि टोयोटा 28 सितंबर को एक नई कार लांच की जाएगी। यह कार फ्लेक्स फ्यूल से चलेगी। यह भारतीय बाजार में पहली फ्लेक्स-फ्यूल से चलने वाली कार होगी।

    इस जानकारी की घोषणा दूसरे ऑटोमोबाइल कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के वार्षिक सत्र में की गई है। मंत्री ने यह नहीं बताया कि टोयोटा किस मॉडल का खुलासा करेगी, हालांकि, उन्होंने कहा कि वह नई दिल्ली में नई फ्लेक्स-फ्यूल पावर्ड कार का अनावरण करेंगे।

    जानकारी के अनुसार फ्लेक्स फ्यूल शब्द फ्लेक्सिबल फ्यूल का एक संक्षिप्त रूप है। इसे पेट्रोल के विकल्प के रूप में माना जा सकता है, जिसका उपयोग कई वाहन करते हैं। फ्लेक्स फ्यूल को पेट्रोल और इथेनॉल या मेथनॉल के कॉम्बिनेशन से बनाया जाता हैऍ फ्लेक्स फ्यूल को पर्यावरण के लिए क्लीनर है, क्योंकि इथेनॉल या मेथनॉल पेट्रोल की तुलना में अधिक कुशलता से जलता है, जिससे प्रदूषण कम होता है।



    इन देशों में होता है फ्लेक्स-फ्यूल का उपयोग
    गन्ने और मकई जैसे कृषि उत्पादों से इथेनॉल का उत्पादन स्थायी रूप से किया जा सकता है इसलिए, अन्य देशों से पेट्रोल आयात करने के बजाय इथेनॉल का मिश्रण एक बेहतर प्रस्ताव लगता है। ब्राजील, जर्मनी और फ्रांस जैसे कुछ देश पहले से ही फ्लेक्स फ्यूल और फ्लेक्स-फ्यूल इंजन का उपयोग कर रहे हैं।

    कैसे काम करता है फ्लेक्स-फ्यूल इंजन?
    फ्लेक्स-फ्यूल इंजन की बात करें तो हर इंजन फ्लेक्स-फ्यूल पर नहीं चल सकता। एक रेगुलर इंजन केवल एक प्रकार के ईंधन पर चल सकता है जबकि फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पेट्रोल के साथ 83 प्रतिशत तक इथेनॉल से चल सकता है, हालांकि, फ्लेक्स-फ्यूल को सपोर्ट करने के लिए रेगुलर इंजन में बदलाव किया जा सकता है।

    क्या है फ्लेक्स फ्यूल का फायदा?
    भारत फ्लेक्स-फ्यूल पर फोकस कर रहा है, क्योंकि अभी हम ज्यादातर पेट्रोल-डीजल अन्य देशों के आयात करत हैं। फ्लेक्स-फ्यूल को अपनाने से भारत के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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