नई दिल्ली (New Delhi)। अलसी बीज, जिसको फ्लैक्स सीड्स (flax seeds) के नाम से भी जाना जाता है, हृदय रोग, पाचन रोग, कैंसर और मधुमेह में लाभप्रद होते हैं। अलसी के बीज दुनिया के प्रसिद्ध सुपर खाद्य पदार्थों में से एक है। भारतीय आयुर्वेद में अलसी के बीज (flax seeds) का फायदा सदियों से उठाया जा रहा है। अलसी के बीज औषधीय गुणों (medicinal properties) से भरपूर होते हैं। इनके नियमित सेवन से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अलसी के बीज न सिर्फ मोटापा कंट्रोल करते हैं, बल्कि यह कई बीमारियों का उपचार भी करते हैं। ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण इसका नियामित सेवन दिल के मरीजों के लिए बेहद उपयोगी है।
अलसी के बीजों में पाए जाने वाले पोषक तत्व
अलसी के बीज में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व (Nutrients) पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन, फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड की प्रचुरता होती है। इसके अलावा अलसी में प्रोटीन(protein), फैट, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, फोलेट और जीएक्सेंडथिन(gexanthin) होता है, जो हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
कैसे करें अलसी के बीजों का सेवन
एक्सपर्ट के अनुसार, सबसे पहले अलसी के बीज को भूनकर ग्राइंडर में अच्छी तरह पीस लें। इसके बाद रोजाना रात में सोने से पहले एक गिलास पानी में एक चम्मच अलसी पाउडर को रख दें। अगली सुबह को सोने से पहले पानी को छानकर पिएं।
झुर्रियों से निजात दिलाता है
अलसी में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) और फाइटो केमिकल्स गुण मौजूद होते हैं, जो बढ़ती उम्र में चेहरे पर होने वाली झुर्रियों से निजात दिलाते हैं, साथ ही स्किन (Skin) को जवां और खूबसूरत भी बनाते हैं।
हार्ट अटैक का खतरा होता है कम
अलसी के बीज ओमेगा 3 फैटी एसिड का बहुत बड़ा स्रोत है। इसमें अल्फा लिनोलेनिक एसिडभी पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और धमनियों में सूजन नहीं होने देते। इसके नियमित सेवन से हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम हो जाता है।
कैंसर के जोखिम का खतरा कम करता है
अलसी के बीज में लिग्नेन कम्पाउंड पाया जाता है। लिग्नन पौंधे से प्राप्त किया जा सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एस्ट्रोजन पाया जाता है। यह कैंसर के जोखिम को बहुत हद तक कम कर देता है और इससे हेल्थ सही रहती है।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें । कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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