इंदौर। गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के दौरान जहां लोग भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा-अर्चना (Worship) करने में व्यस्त रहे, वहीं बिल्डर, कॉलोनाइजर (builder, colonizer) व बड़ी संख्या में आम जनता ने भी शुभ मुहूर्त में रजिस्ट्री (registry) करवाई। केवल इंदौर (Indore) और उज्जैन (Ujjain) संभाग में गणेशोत्सव (Ganeshotsav) के दौरान लगभग 5 हजार रजिस्ट्री हुईं।
पंजीयन विभाग (Registration Department) के उपमहानिरीक्षक बालकृष्ण मोरे (Deputy Inspector General Balkrishna More) ने बताया कि इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों में गणेशोत्सव के दौरान 1 सितंबर से लेकर 17 सितंबर तक 6 हजार 700 रजिस्ट्री हुई हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 10 दिवसीय गणेशोत्सव के दौरान लगभग 5 हजार रजिस्ट्री हुई हैं। दोनों संभाग के 15 जिलों में रजिस्ट्री के लगने वाले पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क के एवज में पंजीयन विभाग के खजाने में 150 करोड़ रुपए की आय हुई है। इसी प्रकार दोनों संभाग में 1 अप्रैल से लेकर 17 सितंबर तक 1 लाख 62 हजार रजिस्ट्री हुई हैं, जिससे पंजीयन विभाग के खजाने में 640 करोड़ रुपए की आय हुई है।
महामारी थमने से कमाई बढ़ी
कोरोना महामारी (Corona Transition) थमने के बाद अब बड़ी संख्या में आम जनता के साथ ही बिल्डर, कॉलोनाइजर (builder, colonizer) व अन्य रजिस्ट्री (registry) कराने आ रहे हैं, जिसका परिणाम है कि इस वर्ष साढ़े 5 माह में ही रजिस्ट्रार कार्यालय का खजाना लबालब हो गया है। अभी इस वर्ष को बीतने में साढ़े छह माह और बाकी हैं। पंजीयन विभाग को उम्मीद है कि कम से कम 900 करोड़ रुपए और खजाने में आ सकते हैं। इस वर्ष की शुरुआत से ही पिछले साल के मुकाबले हर माह ज्यादा रजिस्ट्री हो रही है। इंदौर जिले में जुलाई माह में 10 हजार रजिस्ट्री हुईं, जिससे पंजीयन विभाग को 125 करोड़ तथा जून माह 1100 रजिस्ट्री से 165 करोड़ खजाने में आए थे। जून के पहले सप्ताह में ही 950 रजिस्ट्री हुई थीं, जिससे स्टाम्प और पंजीयन शुल्क के रूप में 10 करोड़ रुपए मिले थे।
शहर के मुख्य पंजीयन कार्यालय सहित उपपंजीयन कार्यालयों में दस दिनों तक जुटी भीड़
शहर के मोती तबेला, एमओजी लाइन, ढक्कनवाला कुआं एवं प्रेस काम्प्लेक्स (pearl tabela, MOG Line, Lhadwala Well and Press Complex) सहित ग्रामीण क्षेत्र महू, सांवेर और देपालपुर के रजिस्ट्रार कार्यालय में गणेशोत्सव के दौरान खूब भीड़ जुटी रही। इंदौर जिले में लगभग 80 करोड़ रुपए गणेश उत्सव के दौरान पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क के एवज में मिले हैं।
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