उज्जैन। शासन के निर्देश हैं कि जिस भी आरोपित को जेल में बंद किया जाए, उसका पहले कोरोना टेस्ट करवाया जाए। निगेटिव्ह आने पर जेल भेजें और पॉजिटिव आने पर उपचार करवाएं। दोबारा जांच में निगेटिव्ह आए,तभी जेल भेजा जाए।
इसी के चलते भैरवगढ़ जेल जाने के पूर्व 5 आरोपितों के पॉजीटिव्ह आने के बाद उनका उपचार शा.कालिदास कन्या महाविद्यालय के लिए राम जनार्दन मंदिर के समीप बने नए भवन के पिछले हिस्से में ऐसे मरीजों का उपचार चल रहा है।
जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि उक्त कॉलेज भवन के पिछले हिस्से में आयसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां पर जेल भेजे गए नए आरोपितों /दोषियों को लाया जाता है। उनका कोरोना टेस्ट करवाया जाता है। टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव्ह आने पर यहीं रखा जाता है ओर उपचार दिया जाता है। निगेटिव्ह आने पर जेल भेजा जाता है। वहां भी पहले आयसोलेट किया जाता है, बाद में बैरक में भेजा जाता है।
श्रीमती सोनकर ने बताया कि पिछले पांच दिनों में जो नए बंदी आए,उनमें से पांच कोरोना पॉजीटिव्ह आ गए। इनका उपचार किया जा रहा है। जब दोबारा से जांच में रिपोर्ट निगेटिव्ह आएगी, तभी जेल के आयसोलेशन वार्ड में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल जितना लम्बा चलेगा, कॉलेज का उक्त हिस्सा जेल के अन्तर्गत आयसोलेशन सह उपचार वार्ड के रूप में रहेगा।
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