पिछले हफ्ते टली प्राधिकरण बोर्ड बैठक आज, एजेंडे में शामिल 16 विषयों पर भी चर्चा के साथ होंगे निर्णय
इंदौर।
पिछले हफ्ते प्राधिकरण (Authority) की बोर्ड बैठक नहीं हो सकी थी, जो आज 11 बजे रखी गई है। एजेंडे में 16 विषय शामिल किए गए, जिसमें मुख्य रूप से टीपीएस (TPS) के तहत घोषित की गई 5 योजनाओं में शामिल 1732 एकड़ जमीनों के संबंध में बोर्ड मंजूरी ली जाएगी। वहीं 57 करोड़ रुपए की राशि से खजराना चौराहा (Khajrana Chauraha) पर फ्लायओवर निर्माण Fyover Construction) के लिए भी प्रशासकीय मंजूरी लेंगे। सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) सहित अन्य योजनाओं में बुलवाए गए भूखंडों के टेंडर सहित कुमेर्डी (Kumerdi) के बस स्टैंड नामकरण (Bus Stand Naming) सहित अन्य पर चर्चा होगी।
4 मार्च को होने वाली प्राधिकरण की बोर्ड बैठक टल गई थी, जो आज आयोजित की गई है। दरअसल प्राधिकरण के पास अभी 20 मार्च तक का समय 5 टीपीएस योजनाओं पर निर्णय लेने और संकल्प पारित कर भोपाल (Bhopal) भेजने का है। इसमें टीपीएस-1, जो खजराना में आना है, वहीं टीपीएस-3 लसूडिय़ा मोरी, तलावलीचांदा, अरण्ड्या, मायाखेड़ी, टीपीएस-4, निपानिया व कनाडिय़ा, टीपीएस-5 भी कनाडिय़ा और टीपीएस-8 जो कि भौंरासला, कुमेर्डी, भांग्या, कैलोदहाला, लसूडिय़ामोरी, तलावलीचांदा, शकरखेड़ी और अरण्ड्या में आना है, उस पर निर्णय लेना है। इन पांचों योजनाओं में 1732 एकड़ निजी जमीनें शामिल हैं, जिन पर आपत्तियां आमंत्रित की गई और लगभग 600 आपत्तियों की सुनवाई करने के बाद लैंड पुलिंग एक्ट (Land Pulling Act) के तहत इन जमीनों को योजना में शामिल किया जाना है और नकद मुआवजे की बजाय अब 50 फीसदी जमीन वापस उनके मालिकों को लौटा दी जाएगी और शेष 50 फीसदी जमीन में से 20 फीसदी पर प्राधिकरण भूखंडों को विकसित कर बेचेगा और 30 फीसदी जमीन ग्रीन बेल्ट, सडक़ों के निर्माण और अन्य सार्वजनिक उपयोग के लिए इस्तेमाल की जाएगी। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा के मुताबिक पिछले दिनों व्यस्त चौराहों पर फ्लायओवर बनाने के संबंध में भी जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के साथ चर्चा की गई थी, उसके बाद आज बोर्ड बैठक में खजराना चौराहा (Khajrana Chauraha) पर बनाए जाने वाले प्लायओवर के लिए मंजूरी लेंगे, लगभग 57 करोड़ की राशि खर्च होना अनुमानित है।
सुपर कॉरिडोर के विवादित भूखंड के टेंडर पर भी होगा फैसला
सुपर कॉरिडोर (Super Corridor) की योजना 139 के विवादित भूखंड क्र. 33 के लिए जो टेंडर मिला है उस पर भी बोर्ड निर्णय होना है। दरअसल इस भूखंड के एक हिस्से में प्राचीन मंदिर और पेड़ होने के बावजूद टेंडर बुलाए गए, जिसके चलते अन्य प्रतिस्पर्धी फर्मों ने कम राशि के टेंडर भरे और प्राधिकरण को करोड़ों का चूना लगेगा। ठकराल फाउंडेशन पर मेहरबान प्राधिकरण ने दो भूखंडों के टेंडर जहां मंजूर करने जा रहा है, वहीं उसी की सहयोगी ओरियंटल यूनिवर्सिटी का यह विवादित टेंडर है।
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