उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला स्थित प्राचीन इच्छापूर्ति गणेश मंदिर के जीर्णोद्धार पश्चात के बाद प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन 3 से 7 मई तक किया गया। अंतिम दिन रविवार को सुबह पूजन, अभिषेक तथा विक्रम विश्वविद्यालय की प्रगति हेतु विशेष हवन किया गया। इस अवसर पर 108 दीपकों से महाआरती की गई। कार्यक्रम उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव एवं कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय के आतिथ्य में हुआ। यज्ञ में मुख्य यजमान के रूप में कार्यपरिषद सदस्य संजय नाहर और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संगीता नाहर ने भाग लिया। पूजन एवं विधान पं. अनिल तिवारी एवं उनके सहयोगियों ने संपन्न कराया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह इच्छापूर्ति गणेश मंदिर समिति एवं विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में डा. सलिलसिंह विभागाध्यक्ष, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक सहित समस्त कार्यपरिषद सदस्य राजेशसिंह कुशवाह, सचिन दवे, डॉ. विनोद यादव, डॉ. कुसुमलता निगवाल, श्रीमती ममता बैण्डवाल, अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ. अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. क्षमाशील मिश्रा, डॉ. सर्वेश्वर शर्मा, प्रो. संदीप तिवारी, प्रो. कमलेश दशोरा, विभाग के समस्त प्रोफेसर, अतिथि विद्वानों, कर्मचारियों आदि सुबह-शाम सैर करने वाले मिश्रीलाल चौधरी, महिपालसिंह चौहान, ओमप्रकाश सोमानी, शैलेन्द्र कलवाडिय़ा, विवेक जायसवाल, बालाराम जाट, हेमन्त सोनोने, सुनील विजयवर्गीय, अशोक चौधरी, हेमन्त व्यास आदि ने महोत्सव में सम्मिलित होकर धर्म लाभ लिया। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अंतर्गत प्राण-प्रतिष्ठा विधान धान्यादि वास, संपूर्ण पूजन एवं शृंगार हुआ। समारोह के दौरान 4 मई को गणेश पूजन एवं अभिषेक, 5 मई को रूद्राभिषेक, 6 मई को नवग्रह पूजन एवं विशेष अभिषेक तथा सायं 6 बजे से सुन्दरकांड का पाठ किया गया।पांच वृक्षों पीपल, नीम, चंदन, आम एवं अशोक के पत्तों से भगवान को ढक कर पूजन विधि संपन्न हुई।
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