इन्दौर। प्रशासन ने कई प्रतिष्ठानों पर काम कर रहे बाल श्रमिकों को मुक्त कराने की कार्रवाई भी शुरू कराई है। उसी कड़ी में कल चाट, पानीपुरी और ज्यूस सेंटरों पर काम कर रहे पांच बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया। महिला बाल विकास विभाग के साथ श्रम विभाग ने उक्त कार्रवाई की। मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत भी किया गया। अब बाल श्रमिक रखने वाली संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधोलिया ने बताया कि जिले में बाल श्रम उन्मूलन अभियान भी शुरू किया गया है, जिसके चलते विभिन्न छापामार दल गठित किए गए हैं।
कलेक्टर आशीषसिंह के निर्देश पर कल की गई कार्रवाई में पांच बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया। यह कार्रवाई मूसाखेड़ी के मयूरनगर क्षेत्र में की गई, जहां पर पांच नाबालिग बच्चे बाल श्रम करते हुए पाए गए। इनमें मयूर नगर स्थित जय बालाजी ज्यूस सेंटर में दो बच्चे, जिनकी उम्र 14 साल से कम और एक किशोर श्रमिक पाया गया। इसी तरह महादेव पानीपुरी और चाट सेंटर पर भी दो नाबालिग बच्चे काम कराते पाए गए। इनकी उम्र भी 14 वर्ष से कम पाई गई। महिला बाल विकास के साथ पुलिस और श्रम विभाग की संयुक्त टीम भी कार्रवाई के दौरान मौजूद रही। इन दुकान संचालकों के खिलाफ बाल श्रम उन्मूलन अधिनियम के तहत प्रकरण भी दर्ज कर लिए गए और तत्काल ही इन बच्चों को रेस्क्यू कर आजाद नगर थाने में सूचना पत्र बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के निर्देश पर बच्चों को एक सामााजिक संस्थान में भिजवाया गया। इस दल में दिनेश मिश्रा, श्रम निरीक्षक आशाराम वर्मा, श्रेया झा, दीपक परमार एवं महिला एवं बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक मौजूद रहीं।
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